नई दिल्ली (New Delhi)। जैसे-जैसे दिल्ली (Delhi) में बाढ़ के पानी (Flood waters) का स्तर कुछ कम होता जा रहा है, वैसे-वैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) से लेकर यूपी के अन्य शहरों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। यह खतरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काली नदी (Black River) से लेकर कृष्णा नदी (Krishna River) और गंगा-यमुना नदियों (Ganga-Yamuna Rivers) के किनारे बसे गांवों और शहरी इलाकों में बाढ़ की तबाही के लिए आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, बदायूं, मथुरा, आगरा समेत कई जिलों में बाढ़ का पानी बहुत तेजी से ऊपर बढ़ रहा है। सोमवार दोपहर बारह बजे तक के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, काली और कृष्णा नदी में जलस्तर खतरे के निशान से बीते 12 घंटे में लगभग डेढ़ गुना बढ़ गया है। बाढ़ के खतरे के आगाह करते हुए संबंधित जिलों को सतर्क किया गया है।
बीते 12 घंटे में नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंचीं
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से संबंधित बाढ़ पर नजर रखने वाले महकमे के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में नदियों के जलस्तर में भारी प्रवाह बना हुआ है। बीते 12 घंटे के भीतर बागपत के शेखपुरा इलाके में कृष्णा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से डेढ़ गुना (डेढ़ मीटर) ऊपर चला गया है। इस वजह से बागपत समेत आसपास के कई इलाकों में नदी का पानी भरना शुरू हो गया है। इसी तरह मुजफ्फरनगर के रतनपुर इलाके में काली नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक काली नदी का जलस्तर भी बीते 12 घंटों के भीतर बहुत तेजी से खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच चुका हैं। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इन दो नदियों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। काली नदी और कृष्णा नदी ने भारी जल प्रवाह के चलते अपने मुख्य मार्ग को छोड़कर आबादी में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। वह कहते हैं कि बाढ़ तो बीते कुछ समय से इस इलाकों में बनी हुई थी, लेकिन दो दिनों में नदियों में जलस्तर बढ़ गया है।
मथुरा और आगरा में यमुना का बढ़ा जलस्तर
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से एनडीआरएफ और गृह मंत्रालय के नोडल महकमे को भेजी गई जानकारी के मुताबिक आगरा के बटेश्वर इलाके में यमुना का जलस्तर बहुत तेजी से ऊपर बढ़ा है। जबकि मथुरा के शेरगढ़ इलाके में भी यमुना अपने रौद्र रूप के साथ आगे बढ़ रही। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे दिल्ली के यमुना खादर इलाके में पहुंचे पानी का जल स्तर कुछ कम हो रहा है, वैसे-वैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बह रही यमुना में जलस्तर बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि मंत्रालय ने इन सभी इलाकों में बाढ़ के खतरे के चलते आबादी वाले इलाकों को खाली कराने की चेतावनी दी है। हालांकि इस चेतावनी के बाद भी बाढ़ ने यूपी में अपना कहर ढाना शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी जिले की जल ढाका नदी भी अपने इलाके में खतरनाक बड़े हुए जलस्तर के साथ आगे बढ़ रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर पानी का जलस्तर खतरे के निशान से तकरीबन डेढ़ मीटर ऊपर है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के अलीपुर जिले के हासीमारा इलाके में तोरसा भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के ही दोमुहान इलाके में तीस्ता नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिम्मेदार महकमे से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इन सभी नदियों के इलाकों में पड़ने वाले इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है। इसी आसाम में बेकी नदी बारपेटा इलाके में खतरे के निशान से ऊपर बहना शुरू कर दिया है।
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