भोपाल। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में फोकस रहा मिशन 2023 पर। मुद्दे और समस्याएं और भी थीं जिस पर लंबी चर्चा हुई। लेकिन केंद्र में रही चुनावी चर्चा और राजनीति। मिशन 2023 की तैयारी कर रही पार्टी ने अपना वोट प्रतिशत 51 फीसदी करने का टारगेट सदस्यों को दिया है। बैठक में कृषि मुद्दों पर चर्चा और राजनीतिक प्रस्ताव तक पास किए गए। लेकिन सारी बातें अगले चुनाव को ध्यान में रखकर की गई। भाजपा के मिशन 2023 से पहले हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। कार्य समिति के पहले सत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने उद्घाटन भाषण दिया। उसके बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कार्यसमिति को संबोधित किया। कार्यसमिति में राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया गया है, जिसमें सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही कांग्रेस पर निशाना साधा गया।
51 फीसदी का लक्ष्य
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मिशन 2023 के लिए रणनीति भी बनाई गई। जमीनी स्तर पर पकड़ के लिए भाजपा ने नया प्लान तैयार किया है। पार्टी का वोट परसेंटेज 10 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है। अभी भाजपा का वोट प्रतिशत 40.08 भाजपा है। जिसे बढ़ाकर 51 प्रतिशत करना है। इसके लिए पूरे प्रदेश में बूथ और मंडल विस्तारक जनता के बीच जाएंगे। बूथ विस्तारक 20 जनवरी से 30 जनवरी के बीच जनता के बीच जाएंगे। मंडल विस्तारकों का कार्यक्रम 6 जनवरी से 6 फरवरी तक रखा गया है। भाजपा ये अभियान पूरे प्रदेश में एक साथ चलाएगी।
कृषि कानून की चर्चा
कार्यसमिति की शुरुआत संविधान की शपथ के साथ हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने संबोधन में कृषि कानूनों को लेकर बात रखी जिसमें उन्होंने कहा सरकार कृषि कानून नेक नीयत से लाई थी। पूर्व की सरकारें ऐसे आंदोलन लाठी-गोली के दम पर खत्म करती रहीं थीं। लेकिन भाजपा सरकार ने हर मुद्दे पर बातचीत पर जोर दिया।
राजनीतिक प्रस्ताव पेश
कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया। जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। राजनीतिक प्रस्ताव में कोरोना के दौरान किए गए सरकार के कार्यों और वैक्सीनेशन को लेकर चले महा अभियान पर केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया गया। वहीं राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस पर भी निशाना साधा गया। राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस पर जनता के बीच वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम फैलाने और गलत बयानी करने पर सवाल उठाए गए हैं।
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