नई दिल्ली: बुली बाई ऐप (Bulli Bai) केस से जुड़े मामले में पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. इस मामले के मुख्य आरोपी को दिल्ली पुलिस की IFSO स्पेशल सेल ने असम से गिरफ्तार किया है. बता दें, इसी ने इस ऐप को क्रिएट किया था. इस मामले में पहले ही तीन लोगों को गिरफ्तार हो चुके हैं.
महिलाओं को किया जाता था टारगेट
आपको बता दें कि बुली बाई ऐप नाम के ऐप पर महिलाओं को टारगेट किया जा रहा था. ऐप पर उनके खिलाफ नफरत और गंदी-गंदी बातें लिखी जा रही हैं. इस ऐप पर महिलाओं की फोटो अपलोड कर उनकी नीलामी की जाती थी.
मामले में तीन छात्रों की पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु के सिविल इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष के छात्र विशाल कुमार झा (21) को इसमें शामिल पाया. झा द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले खालसा सुप्रीमैसिस्ट हैंडल में यूजर की लोकेशन कनाडा बताई गई है. इसमें कहा गया है कि वह ‘तवस्या वत्स’ नामक एक यूट्यूब चैनल भी चलाता था.
पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और एक लैपटॉप बरामद किया है. ऐप का ट्विटर हैंडल मुख्य आरोपी श्वेता सिंह (18) द्वारा बनाया गया था, जिसे उत्तराखंड के रुद्रपुर से गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि उसने 12वीं की परीक्षा विज्ञान संकाय से पास की थी और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में शामिल होने की तैयारी कर रही थी. पुलिस ने बताया कि तीसरा आरोपी मयंक रावल (21) भी इंजीनियरिंग का छात्र है.
क्या बोले मुंबई के CP?
मुंबई के सीपी ने कहा, ‘इस मामले में तीन दिनों की इन्वेस्टिगेशन पूरी हुई है, अभी भी काफी कुछ इंवेस्टिगेट करना बाकी है. इंटेरनेट पर बुली बाई ऐप बनाई गई. इसके बाद इस App पर कुछ सम्मानीय महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की जाती थीं. 31 दिसंबर को ये App चर्चा में आया. तब कई फोटो डाऊनलोड होने के बाद वायरल हुए थे.
बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल से इसकी वेबसाइट का प्रचार हो रहा था. इस मामले में इंजीनियरिंग के सेकंड ईयर के स्टूडेंट विशाल कुमार झा को गिरफ्तार किया गया है. अभी तक तीन आरोपी पकड़े गए हैं. विशाल कुमार झा, दूसरी श्वेता सिंह जिसे उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया. वहीं तीसरा आरोपी अभी तक उत्तराखंड में है, जिसे जल्द यहां लाया जाएगा.’
राम कदम का बयान
मुंबई बीजेपी के विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने कहा है कि बुली बाई एप के जरिए कुछ विकृत मानसिकता के लोग मुस्लिम महिलाओं को बदनाम कर रहे थे. हालांकि अब इसके जरिये हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. यह कहा जा रहा है कि हिंदू समाज, मुस्लिम महिलाओं को बदनाम कर रहा था. कदम ने कहा कि इस तरह के एप पहले भी थे और आज भी हैं. लोग चंद पैसों के लिए ऐसी हरकतें करते हैं.
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