नई दिल्ली। मानव रहित लड़ाकू विमान (Unmanned fighter aircraft) विकसित करने की दिशा में भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। डीआरडीओ (DRDO) ने शुक्रवार को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) के पहले एयरक्राफ्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस विमान की खासियत (Features of the aircraft) यह है कि ये बिना पायलट के उड़ान भर सकता है। टेकऑफ से लेकर लैंडिंग तक का पूरा काम बिना किसी मदद के अंजाम दे सकता है।
डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण को शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। मानव रहित हवाई वाहन यानी अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर कहा जाता है। वहीं रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने कहा कि विमान पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड में संचालित हुआ था।
एयरक्राफ्ट ने एक सफल उड़ान भरी जिसमें टेक ऑफ, वे प्वाइंट नेविगेशन और स्मूथ टचडाउन शामिल हैं। ये विमान भविष्य की बिना पायलट के चलने वाले विमानों को विकसित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। साथ ही आत्मनिर्भरता की दिशा में एक जरूरी कदम भी है।
डीआरडीओ ने कहा कि एयरक्राफ्ट ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी (successfully flew)। खुद ही इस परीक्षण को अंजाम दिया। यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भता की दिशा में अहम कदम है। इस एयरक्राफ्ट को बेंगलुरू स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) ने डिजायन और विकसित किया है। एडीई डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख रिसर्च लोबोरेटरी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved