नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) में कांग्रेस (Congress) को शुक्रवार को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब उसके कई नेताओं (many leaders) ने घर वापसी की घोषणा की। उसके चार पूर्व मंत्रियों में से तीन भाजपा (BJP) में शामिल हो गए थे जबकि एक नेता 2022 के विधानसभा चुनावों (assembly elections) के दौरान शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) में चले गए थे।
दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करने और पार्टी में लौटने की इच्छा व्यक्त करने वालों में राज कुमार वेरका, बलबीर सिंह सिद्धू और गुरप्रीत सिंह कांगड़, हंस राज जोसन, डॉ मोहिंदर सिंह रिनवा और जीत मोहिंदर सिंह शामिल हैं। वेरका, बलबीर सिद्धू, कांगड़ और जोसन कांग्रेस सरकारों में मंत्री रह चुके हैं।
हालांकि अकाली दल ने जोसन और रिनवा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया था। जबकि जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू ने गुरुवार को अकाली दल से इस्तीफा दे दिया था। इसके एक दिन बाद पार्टी की अनुशासन समिति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था।
कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री बलबीर सिद्धू, गुरप्रीत कांगड़, पूर्व विधायक राज कुमार वेरका, मोहिंदर रिनवा, हंस राज जोशन और जीत मोहिंदर सिद्धू के साथ कुछ और नेताओं ने कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा।
कांग्रेस छोड़ने के बाद केवल 1 उप चुनाव जीते हैं जीत मोहिंदर
जीत मोहिंदर ने पहली बार एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में तलवंडी साबो सीट जीती थी। वो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए और उसके टिकट पर 2007 और 2012 का चुनाव जीता। वह 2014 में कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद अकाली दल में शामिल हो गए थे। उसी साल बाद में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। हालांकि, उन्हें 2017 और 2022 के चुनावों में उनको लगातार हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा को अलविदा कह वेरका बोले- कांग्रेस ही देश को रख सकती है एकजुट
तीन बार के विधायक और अमृतसर के प्रमुख दलित नेता वेरका ने कहा कि वो भाजपा छोड़ रहे हैं। वो मानते हैं कि कांग्रेस ही देश को एकजुट रख सकती है। भाजपा ने जनता का विश्वास खो दिया है। पंजाब में लोग भाजपा के खिलाफ हैं। किसानों को इस पर भरोसा नहीं है। पार्टी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के अपने नारे पर खरी नहीं उतर पाई है।
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