वाशिंगटन। अमेरिकी रक्षा सचिव (US Secretary of Defense) लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत (India) आगे चलकर रूसी सैन्य उपकरणों (Russian military equipment) पर अपनी निर्भरता को कम करेगा। ऑस्टिन ने सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए उनके (भारत) के साथ काम कर रहे हैं कि यह उनके लिए (हमारा मानना है कि) रूसी उपकरणों में निवेश जारी रखना उनके हित में नहीं है।” वार्षिक रक्षा बजट पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान उन्होंने ये बयान दिया।
ऑस्टिन ने कहा, “और आगे हमारी मांग यह है कि वे (भारत) उन इक्विपमेंट्स के प्रकारों को कम करें जिनमें वे निवेश कर रहे हैं और बल्कि उन इक्विपमेंट्स को खरीदें जो अधिक अनुकूल हों।”
यह टिप्पणी तब आई जब रक्षा सचिव कांग्रेसी जो विल्सन के एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच रूस पर भारत की स्थिति की आलोचना की थी। विल्सन ने कहा, “भयानक रूप से, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, हमारा कीमती सहयोगी भारत, अमेरिकी और संबद्ध विकल्पों पर रूसी हथियार प्रणालियों को चुनकर क्रेमलिन के साथ खुद को जोड़ने का विकल्प चुन रहा है।”
उन्होंने पूछा, “भारतीय नेताओं को पुतिन को अस्वीकार करने और लोकतंत्र के अपने प्राकृतिक सहयोगियों के साथ संरेखित करने के लिए- हम विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के माध्यम से कौन से हथियार मंच पेश कर सकते हैं जो भीड़ को प्रोत्साहित करेगा।”
विल्सन ने कहा, “मैं आशा करता हूं कि आप भारत के महान लोगों के साथ काम करना जारी रखेंगे। और अगर हम बिक्री पर कुछ प्रतिबंधों को खत्म कर दें तो वे कितने अच्छे सहयोगी हो सकते हैं।”
रूसी सैन्य उपकरणों पर भारत की निर्भरता पर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। इस बीच नई दिल्ली ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सस्ता रूसी तेल खरीदना जारी रखेगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि अमेरिका का मानना है कि रूस से ऊर्जा आयात और अन्य वस्तुओं को बढ़ाना भारत के हित में नहीं है।
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