भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को लेकर बड़ा बयान दिया है. मोहन यादव ने दिल्ली में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि उन्होंने शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी छीनी (snatched chair) नहीं है बल्कि उन्होंने मुझे दी. हमारी पार्टी की ये विशेषता है कि अगर आप पैरवी करेंगे तो आपका नंबर कभी नहीं आएगा. हमारी पार्टी सब कुछ देखती और जानती है. पार्टी एक परिवार की तरह काम करती है. शिवराज सिंह चौहान मेरा मार्गदर्शन करते हैं. मैं उनसे मिलता रहता हूं.
सीएम मोहन यादव ने पिछले साल 11 दिसंबर के दिन को याद करते हुए कहा, “जब विधायकों की बैठक में मेरे नाम की घोषणा की गई तो मुझे अपने कानों पर ही भरोसा नहीं हुआ और मैं दो मिनट तक बैठा रहा. मैं अपने साथी विधायकों के साथ सबसे आखिरी लाइन में बैठा था और उनसे चर्चा कर रहा था कि सामने बैठे किस वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री घोषित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “जब शिवराज सिंह चौहान ने मेरे नाम की घोषणा की तो मैंने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरे नाम की भी घोषणा हो सकती है. इस दौरान आसपास बैठे विधायकों ने कहा कि आपका नाम लिया जा रहा है खड़े हो जाइए. मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि पार्टी किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता को भी मौका दे सकती है.”
पार्टी जाति, वंश नहीं देखती- मोहन यादव
वहीं जब मोहन यादव से पूछा गया कि आप यादव हैं, क्या इस वजह से पार्टी ने आपको मुख्यमंत्री का पद दिया है, जिससे कि आने वाले चुनावों में बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी को फायदा हो. इस पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जाति, वंश या परंपरा नहीं देखती. वो एक किसान परिवार से आते हैं. केवल बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जो एक कार्यकर्ता को मौका दे सकती है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved