नई दिल्ली । मंदिरों, गिरजाघरों और मस्जिदों में वफादारी की शपथ लेने के सात महीने बाद गोवा (Goa) के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत समेत कांग्रेस (Congress) के आठ विधायक (MLA) बुधवार को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। यह मुख्य विपक्षी दल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चालीस सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब घटकर केवल तीन रह गई है। दलबदल का नेतृत्व करने वाले दिगंबर कामत (Digambar Kamat) ने कहा कि उन्होंने और बाकी विधायकों ने भाजपा में शामिल होने से पहले भगवान से अनुमति ली थी और भगवान सहमत हो गए।
मंदिर जाकर ली अनुमति- कामत
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भगवान में विश्वास करते हैं और यह सच है कि चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ने की शपथ ली थी। लेकिन वह खुद ही आसानी से आउट हो गए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए से कहा, ‘मैं फिर से मंदिर गया और भगवान से पूछा कि क्या करना है। भगवान ने मुझसे कहा कि जो तुम्हारे लिए सबसे अच्छा हो वही करो।’ गोवा चुनाव से कुछ दिन पहले फरवरी में, कांग्रेस उम्मीदवारों ने राहुल गांधी की उपस्थिति में वफादारी का संकल्प लिया था।
भाजपा पर बरसी कांग्रेस
2017 में, कांग्रेस गोवा में 40 में से 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी अकेली उभरी थी। लेकिन बीजेपी ने 13 सीटें जीतकर छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सत्ता संभाली। दो साल बाद कांग्रेस के 15 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने इस साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर अपनी सत्ता बरकरार रखी थी। भाजपा के अब तक 20 विधायक थे। अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 11 से गिरकर तीन रह गई है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘फिर से साबित हो गया कि भाजपा सिर्फ़ तोड़ ही सकती है।’राज्य विधानसभा में भाजपा के पास अब 28 विधायक हैं और उसे विधानसभा में कुल मिलाकर 33 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
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