डेस्क: कर्नाटक की एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त पुलिस को MUDA साइट आवंटन मामले में जांच जारी रखने का आदेश दिया है. इस मामले में कथित तौर पर सीएम सिद्धारमैया शामिल हैं. कोर्ट ने कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर आदेश टाल दिया, जिसमें MUDA मामले में लोकायुक्त पुलिस की ओर से दायर बी-रिपोर्ट पर सवाल उठाया गया है.
कोर्ट ने कहा कि पुलिस को अपनी जांच पूरी करनी चाहिए और तब तक बी रिपोर्ट पर कोई आदेश नहीं दिया जाएगा. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को लोकायुक्त रिपोर्ट पर विरोध याचिका दायर करने की भी अनुमति दी है. कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई 7 मई 2025 तक के लिए स्थिगित कर दी है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार को इससे पहले MUDA केस में राहत दी गई थी. लोकायुक्त पुलिस ने बताया था कि इस केस में सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. फरवरी 2024 में सिद्धारमैया को एक समन भेजा गया था, जिसके बाद वे लोकायुक्त पुलिस के सामने पेश हुए थे, जहां लोकायुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की थी.
ये पूरा मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़ा है जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर अवैध रूप से अपनी पत्नी को साइट आवंटित कराने का आरोप है. ये आवंटन तब हुआ था, जब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार थी. RTI कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी जिसमें मांग की गई थी कि मुख्यमंत्री सिद्धरामैया की पत्नी पार्वती को MUDA से 14 साइटों के आवंटन की जांच CBI को सौंपी जाए.
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