नई दिल्ली: हर रिचार्ज और खरीदारी पर बात-बात में आजकल कई पेमेंट एग्रीगेटर ऐप कैशबैक ऑफर करते हैं. लेकिन, इस कैशबैक की आड़ में गुरुग्राम स्थित एक कंपनी ने एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है. टॉकचार्ज नाम की एक कंपनी ने लोगों को 5,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. रिपोर्ट में टॉकचार्ज नाम की कंपनी के खिलाफ की गई जांच में पता चला कि कैशबैक के नाम पर यूजर्स को कुछ ही महीनों में चौंका देने वाला रिटर्न ऑफर किया जा रहा था.
इस मामले में पीड़ित यूजर्स का आरोप है कि यह 5000 करोड़ रुपये का घोटाला है. इस कंपनी ने अप्रैल 2024 में ऑपरेशन बंद कर दिया था. माना जा रहा है कि निवेश को कई गुना बढ़ाने का वादा करने वाले ऐप ने देश भर में सैकड़ों लोगों को ठगा है. इसकी बेहद खराब रेटिंग के बावजूद इसके लगभग 2 मिलियन डाउनलोड होने का दावा किया गया है. देशभर में इस ऐप के प्रमोटर्स के खिलाफ शिकायत और एफआईआर दर्ज की गई हैं.
इस घोटाले के पीड़ितों में से एक ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी मेहनत की कमाई और उनकी सारी बचत लूट ली जाएगी. उन्हें इस ऐप से सिर्फ प्रॉफिट की उम्मीद थी, नुकसान की नहीं. उन्होंने कहा, “ऐप में पैसा लगाने के लिए उन्होंने बैंकों से कर्ज भी लिया और मरने के सिवाय कोई चारा नहीं बचा.”
शुरुआत में प्रीपेड पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर लॉन्च हुए टॉकचार्ज ने यूजर्स को आकर्षक कैशबैक ऑफ़र दिया, जिससे कई लोग इसमें पैसा लगाने के लिए आकर्षित हुए. महज 4,999 रुपये की जमा राशि पर 1,666 रुपये का कैशबैक, तो बैंक खाते में 7,50,000 रुपये का भारी कैशबैक प्राप्त करने के लिए टॉकचार्ज वॉलेट में सिर्फ 59,999 रुपये जमा करना जैसे ऑफर शामिल थे. अब पीड़ितों का कहना है कि टॉकचार्ज पर भरोसा करना उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी.
पूरे भारत में टॉकचार्ज के प्रमोटर्स के खिलाफ कई शिकायतें और एफआईआर हैं. FIR के अनुसार, सह-संस्थापक और टॉकचार्ज के कुछ कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है. आरबीआई, सेबी, आयकर और जीएसटी विभाग के पास कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन इनमें से किसी भी प्राधिकरण से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.
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