इंदौर (Indore)। एक तरफ भाजपा सरकार देशभर के बड़े मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ वाराणसी और महाकाल लोक की तर्ज पर भव्य कॉरिडोर बनवा रही है। मध्यप्रदेश में ही अभी ओंकारेश्वर में भी इसी तरह लोक का निर्माण चल रहा है। दूसरी तरफ पहली बार देशभर के सभी प्रमुख मंदिरों को एकजुट करने का अभियान टेम्पल कनेक्ट के तहत शुरू किया गया है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय यानी विदेशों में बने मंदिर भी शामिल है। लगभग साढ़े 7 हजार मंदिरों का भ्रमण इसके संस्थापक कर चुके हैं और कल उन्होंने इंदौर आकर खजराना गणेश मंदिर परिसर में इंदौर के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों-ट्रस्टियों के साथ बैठक की। टेम्पल कनेक्ट संस्था का प्रमुख लक्ष्य है कि सभी मंदिरों को एकजुट करने के साथ भक्तों को किस तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं और साथ ही जो छोटे मंदिर हैं उनकी मदद बड़े और अमीर मंदिर किस तरह कर सकते हैं, जिनके पास करोड़ों रुपए का सालाना चढ़ावा आता है।
मंदिरों के सशक्तिकरण के लिए यह संगठन काम कर रहा है और इसके संस्थापक गिरीश वासुदेव अभी तक देश-विदेश के अधिकांश बड़े मंदिरों का दौरा कर चुके हैं। हालांकि इनमें कई मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं, जिसके चलते संस्था को सरकार को सुझाव देकर निर्णय करवाना पड़ेंगे। मध्यप्रदेश में चार मंदिरों के लिए एक्ट बना है, जिसमें इंदौर के खजराना, उज्जैन के महाकाल, मैय्यरजी के अलावा सलकनपुर मंदिर सरकारी नियंत्रण में है। खजराना गणेश मंदिर भी कलेक्टर के अधीन है। खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी मोहन भट्ट, अशोक भट्ट के साथ प्रबंधक घनश्याम शुक्ला, गौरीशंकर मिश्रा कल की बैठक में मौजूद रहे। वहीं श्री रणजीत हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी दीपेश व्यास, प्रबंधक श्री राजपूत, श्री पंवार के अलावा श्री अन्नपूर्णा मंदिर के पुजारी पवनानंद जी, श्री बिजायन माता मंदिर के मुख्य पुजारी प्रकाश गुरु, श्री शिव मंदिर गोयल नगर के मुख्य पुजारी चंद्रभूषण व्यास, श्री गीताभवन मंदिर के ट्रस्टी श्रीराम एरन, श्रीनाथ मंदिर के मंगेश भागवत सहित अन्य मौजूद रहे। खजराना मंदिर के अशोक भट्ट ने बताया कि इस संस्था का मुख्य उद्देश्य यह है कि छोटे मंदिरों को गोद लें।
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