चमोली। उत्तराखंड की आपदा प्रभावित तपोवन सुरंग से शव निकलने का सिलसिला अब भी जारी है। ग्लेशियर ढहने से अचानक आई बाढ़ के कारण अब तक 58 लोगों की लाशें निकाली जा चुकी हैं। अकेले तपोवन सुरंग से ही अब तक 11 लाशें निकाली जा चुकी हैं। इस बीच तपोवन सुरंग को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। न्यूज 18 को मिली जानकारी के मुताबिक तपोवन टनल में जमा हुए मलबे में 5 दिनों तक जिंदा लोग फंसे रहे। सुरंग से निकाले गए 11 में से 6 शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह बड़ा खुलासा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक ये सभी लोग 12 फरवरी तक टनल में फंसे रहे। सैकड़ों टन मलबे में फंसे लोग जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे थे। अनुमान है कि टनल की छत पर 5 दिन तक लटक कर उन्होंने जिंदा रहने की जद्दोजहद की, लेकिन आखिरकार मौत से हार गए। सुरंग से निकाले गए शवों का पोस्टमॉर्टम करने वाले एडिशनल सीएमओ ने न्यूज 18 के साथ बातचीत के दौरान यह हैरतअंगेज खुलासा किया। न्यूज 18 के साथ विशेष बातचीत के दौरान एडिशनल सीएमओ का यह खुलासा काफी चौंकाने वाला है।
ग्लेशियर हादसे के बाद चमोली घाटी और यहां के ग्लेशियरों का अध्ययन शुरू हो गया है। आपदा के बाद वैज्ञानिक ग्लेशियरो को लेकर अलग-अलग तरीके से अध्ययन करने में जुट गए हैं। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (NIH) के वैज्ञानिकों ने बताया है कि ग्लेशियर के साथ घाटी और क्षेत्र का भी अध्ययन किया जाना चाहिए, ताकि ऐसी आपदाओं से भविष्य में बचा जा सके। इधर, ग्लेशियर के टूटने से होने वाली तबाही और बचाव के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने एक गाइडलाइन भी तैयार की है। इसमें विदेशी एजेंसी की भी मदद ली जा रही है।
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