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    निज्जर को लेकर बड़ा खुलासा, हिंदू बनकर भागा था कनाडा, कनाडाई खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से होती थी मुलाकात

  • September 24, 2023

    जालंधर (Jalandhar) । जून में कनाडा में मारा गया खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) फरवरी 1997 में फर्जी पासपोर्ट (fake passport) पर कनाडा पहुंचा था। लेकिन मौत से पहले निज्जर इतना ताकतवर हो चुका था कि कनाडा की खुफिया एजेंसियों (canadian intelligence agencies) के अधिकारियों तक से उसकी मुलाकात होती थी। ये राज खुद उसके बेटे ने खोला है।

    कनाडा में हरदीप निज्जर के बेटे बलराज सिंह का कहना है कि उसके पिता कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक या दो बार मिलते थे। 18 जून को हत्या से एक या दो दिन पहले भी वह उनसे मिले थे। मौत के दो दिन बाद एक और बैठक होनी थी। ये बैठकें फरवरी से होनी शुरू हुईं और फिर आने वाले समय में बढ़ती रहीं। अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर भारत के खिलाफ अभियान चलाने वाले एक शख्स से कनाडा की खुफिया एजेंसी क्यों मिल रही थी। हालांकि बलराज सिंह ने बताया कि एक मीटिंग में वह मौजूद था, जिसमें बताया गया कि निज्जर की जान को खतरा है। उनके पिता को घर पर रहने को कहा गया था।


    भारत सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगा मांगी थी शरण
    निज्जर का जन्म 10 नवंबर 1977 को पंजाब में हुआ था। उग्रवाद पर कार्रवाई के बीच, निज्जर के भाई को 1990 के दशक की शुरुआत में भारत में गिरफ्तार कर लिया गया था। 1995 में पंजाब पुलिस ने निज्जर को भी गिरफ्तार कर लिया था। जेल से आने के बाद उसने रवि शर्मा के नाम से फर्जी पासपोर्ट तैयार करवाया और कनाडा भाग गया।

    वहां उसने भारत सरकार के उत्पीड़न का दावा करते हुए शरण मांगी। कनाडा सरकार को दिए हलफनामे में उसने दावा किया था कि पंजाब पुलिस ने उसे गंभीर यातना दी है और उसके परिवार के सदस्यों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया। कनाडा के इमिग्रेशन रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसका पासपोर्ट नकली था। कनाडा की सरकार भी उस समय निज्जर की बातों से संतुष्ट नहीं थी। उसकी फाइल करीब चार साल तक खुली रही। बाद में निज्जर ने वहां टिकने के लिए कनाडा की एक नागरिक से शादी कर ली।

    पंजाब में टारगेट किलिंग में भी हाथ
    पंजाब में लक्षित हत्याओं सहित कई आतंकी-संबंधी घटनाओं को निज्जर ने अंजाम दिया था। फरवरी 2018 में पंजाब के तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को सौंपी गई मोस्ट-वांटेड सूची में उसका नाम शामिल था। जनवरी 2019 में, उसे सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारा के प्रमुख के तौर पर निर्विरोध चुना गया। इस गुरुद्वारा की संगत संख्या कनाडा में सबसे बड़ी है।

    खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ से थे अच्छे संबंध
    निज्जर के खालिस्तान टाइगर फोर्स के पूर्व चीफ जगतार सिंह तारा से भी अच्छे संबंध थे। उस समय बीकेआई को सुखदेव सिंह बब्बर लीड कर रहा था। निज्जर और तारा काफी समय तक साथ रहे और खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देते रहे। एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि निज्जर और तारा की दोस्ती का खुलासा 2014 में हुआ जब तारा से मिलने के लिए निज्जर थाईलैंड पहुंच गया। उसने कुछ फंडिंग भी की थी। तारा पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या में शामिल था।

    तारा के कहने पर निज्जर पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से मिलने पाकिस्तान गया था। पूरा प्लान तारा को थाईलैंड से निकालना था। हालांकि वह भाग नहीं सका और पटाया में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उसे घेर लिया और 2015 में भारत लाया गया।

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