नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट ने विदेशी मुद्रा कानूनों (फेमा) के उल्लंघन के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चीन की फोन निर्माता कंपनी शाओमी (Xiaomi) के 5,500 करोड़ रुपये को जब्त करने पर स्टे लगा दिया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते कंपनी की बैंक संपत्तियों को यह कहते हुए जब्त कर लिया था कि उसने “रॉयल्टी की आड़ में” भुगतान के लिए अपनी ही एक इकाई समेत तीन विदेशी संस्थाओं को अवैध रूप से धन भेजा है.
शाओमी ने किसी भी तरह की धांधली को नकार दिया है. कंपनी ने कहा है कि रॉयल्टी भुगतान और बैंक के स्टेटमेंट वैध और सही हैं. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने इस आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में अपील दायर की है.
मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी
रायटर्स ने लिखा है कि शाओमी के वकीलों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने जब्ती पर अंतरिम स्टे लगा दिया है. कंपनी ने कोर्ट में कहा कि वह अपने रोजमर्रा के काम के लिए इस अकाउंट का इस्तेमाल करती है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 मई तय की है. खबरों के अनुसार, कोर्ट ने राहत इस शर्त पर दी है कि शाओमी रॉयल्टी भुगतान जैसे ट्रांसफर के बारे में भारतीय प्राधिकारियों को सूचित करेगा.
शाओमी की दलील
कंपनी की ओर से पेश हुए वकीलों एस. गणेश और सजन पुव्वैया ने कोर्ट में कहा कि रॉयल्टी देना फेमा का उल्लंघन नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कई और फोन निर्माता यूएस में उसी कंपनी को रॉयल्टी देती हैं जिन्हें शाओमी ने दी क्योंकि ये सभी कंपनिया उनसे ली गई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करती हैं. उन्होंने आगे कहा कि टेक्नोलॉजी के लिए ऐसी रॉयल्टी को आयकर विभाग ने भी वैध माना है.
सीमा विवाद के बाद कई चीन ऐप पर लगा बैन
2020 में लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा संघर्ष के बाद से देश में चीनी कंपनियां को व्यापार करने में समस्या आ रही है. भारत ने तब से अब तक 300 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें टिक-टॉक भी शामिल है. इसके अलावा भारत में निवेश करने वाली चीनी कंपनियों के लिए मानदंड कड़े कर दिए गए हैं.
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