मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने शिवसेना के शिंदे गुट (Shinde faction) को बड़ा झटका दिया है। मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) ने उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray faction) की शिवसेना के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली (Dussehra Rally) की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही शिंदे गुट को परमिशन देने से इनकार कर दिया है। उन्हें कहीं और रैली करनी होगी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवसेना को आदेश दिया है कि वह बीएमसी के वार्ड ऑफिसर के पास इस आदेश को लेकर जाए और रैली करने की परमिशन ले।
अदालत ने कहा है कि सरकार की ओर से जारी 2016 के आदेश के मुताबिक यह परमिशन दी जाएगी। यह नहीं पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और यदि कुछ भी खामी पाई जाती है या फिर कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होती है तो भविष्य में अनुमति देने पर विचार किया जाएगा।
शिवसेना इस पार्क में बीते 5 दशकों से ज्यादा वक्त से रैली करती रही है। ऐसे में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद वह अपनी परंपरा को कायम रखने में सफल हो पाएगी। बीएमसी ने एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दोनों को ही पार्क देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद दोनों हाई कोर्ट पहुंचे थे। अदालत ने आज सुनवाई के दौरान पहले एकनाथ शिंदे गुट को शिवाजी पार्क में रैली देने से इनकार कर दिया और फिर शिवसेना को मंजूरी दे दी। यही नहीं इस दौरान अदालत ने कहा कि शिवसेना के आवेदन को खारिज करना सही नहीं है।
हाईकोर्ट में शुक्रवार को करीब साढ़े तीन घंटे तक याचिका पर बहस हुई। शिवसेना, बीएमसी और शिंदे गुट के वकीलों ने अपना पक्ष समझाने की कोशिश की। सभी की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि बीएमसी का फैसला सही नहीं था। इस दौरान अदालत की शर्त पर ठाकरे के वकीलों ने आश्वासन दिया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाएगी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य रहेगी और अगर याचिकाकर्ता कानून और व्यवस्था की स्थिति के लिए जिम्मेदार पाए जाते हैं, तो भविष्य में उनकी अनुमति प्रभावित होगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिंदे गुट के विधायक सदा सरवनकर की अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसका दशहरा मेला के आयोजन से कोई लेना-देना नहीं है। कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए यह भी कहा कि हम ठाकरे समूह द्वारा आवेदन पर दी गई दलीलों से सहमत हैं। हम इसमें नहीं जा रहे हैं कि शिवसेना किसकी पार्टी है। वह विवाद सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष लंबित है। हमारे पास इसमें जाने का कोई कारण नहीं है। 2016 से मुंबई नगर निगम शिवाजी पार्क में दशहरा मेले की अनुमति दे रहा है।
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