भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के विरुद्ध पाँच जिलों में की गई एफ.आई.आर. (FIR) के संबंध में आज उन्हें हाईकोर्ट (High Court) से बड़ी राहत मिली है।
ज्ञात हो कि दिग्विजय सिंह द्वारा गुरू गोलवलकर (Guru Golwalkar) के विचारों को लेकर अपने सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर (Facbook & Twitter) से एक पोस्ट की गई थी, जिसके संबंध में उनके विरुद्ध अनेक पुलिस थानों में भाजपा (BJP) और आर.एस.एस. (RSS) से जुड़े़ लोगों ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153ए, 469, 505 सहित अन्य गैर ज़मानती धाराओं में पुलिस शिकायत की गई थी। पुलिस थाना तुकोगंज, इन्दौर में दर्ज पहली शिकायत को छोड़कर अन्य सभी शिकायतों को दिग्विजय सिंह की ओर से माननीय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में चुनौती दी गई थी।
दिग्विजय सिंह के वकील विभोर खण्डेलवाल द्वारा न्यायमूर्ति श्री संजय द्विवेदी की कोर्ट में पैरवी करते हुए तर्क किए कि एक ही कृत्य के लिए दो या अधिक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जा सकती, लेकिन फिर भी शासन द्वारा उनके पक्षकार के विरुद्ध दुर्भावनापूर्वक कार्यवाही की गई है। श्री खण्डेलवाल द्वारा उच्चतम न्यायालय के अनेक न्याय दृष्टांत प्रस्तुत करते हुए हाईकोर्ट से दिग्विजय सिंह को अंतरिम राहत दिए जाने की प्रार्थना की।
अतिरिक्त महाधिवक्ता एच.एस. रूपराह द्वारा मध्यप्रदेश शासन की ओर से पैरवी करते हुए दिग्विजय सिंह को अंतरिम राहत दिए जाने का विरोध किया गया और शासन की ओर से प्रकरण में उत्तर प्रस्तुत करने हेतु समय चाहा गया।
दोनों पक्ष को सुनने के बाद माननीय न्यायालय द्वारा आगामी दिनांक तक दिग्विजय सिंह के विरुद्ध पश्चातवर्ती क्रम में दर्ज किसी भी प्रकरण में कोई कार्रवाही ना करने के निर्देश शासन को दिए हैं।
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