नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने हरियाणा सरकार (Manohar Lal Khattar government) को राहत प्रदान करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें सरकार द्वारा निजी क्षेत्र (Private Sector Reservation) की नौकरियों में प्रदेश के निवासियों को दिए गए 75 प्रतिशत आरक्षण पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक को हटाते हुए राज्य सरकार से कहा है कि किसी इंडस्ट्री के खिलाफ आरक्षण संबंधी कानून लागू करने में कड़ा कदम नहीं उठाया जाएगा. इसी के ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से 4 हफ्ते में मामले पर फैसला लेने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा कि वो फिलहाल आरक्षण लागू न करने वाले उद्योगों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे. हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि हाई कोर्ट ने बिना उसे पक्ष रखने का मौका दिए कानून पर एकतरफा रोक लगा दी थी. बता दें कि हाई कोर्ट ने फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन और अन्य कि याचिका पर राज्य सरकार के कानून पर रोक लगा दी थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि निजी क्षेत्र में योग्यता और कौशल के अनुसार लोगों का चयन किया जाता है. अगर नियोक्ताओं से कर्मचारी को चुनने का अधिकार ले लिया जाएगा तो उद्योग कैसे आगे बढ़ सकेंगे.
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