नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Former Union Minister of State for Home Swami Chinmayanand) को बड़ी राहत मिली है. शिष्या से दुष्कर्म मामले (student rape case) में एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने उन्हें बरी कर दिया है. 14 साल पहले शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम (Mumukshu Ashram) के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इस मामले में चिन्मयानंद को हाईकोर्ट से स्टे मिला था.
14 साल पुराने इस मामले में यूपी के शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने चिन्मयानंद को बरी कर दिया है. शासकीय अधिवक्ता नीलिमा सक्सेना का कहना है कि 2011 में शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा, आज एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश एहसान हुसैन (ADJ कोर्ट) ने स्वामी चिन्मयानंद को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया है. चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह का कहना है कि 14 साल बाद न्याय मिला है. कोर्ट का धन्यवाद देता हूं. बताते चलें कि इसी मामले में साल 2022 में चिन्मयानंद को फरार घोषित किया गया था. गैर जमानती वॉरेंट यानी NBW जारी होने के बाद भी वो कोर्ट में पेश नहीं हुए थे.
इसके बाद कोर्ट ने धारा-82 की कार्रवाई कर चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित किया था. उधर, चिन्मयानंद के वकील की ओर से छात्रा और उसके दोस्तों के खिलाफ पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया गया था. साल 2017 में बीजेपी सरकार बनने पर चिन्मयानंद के इस मुकदमे को वापस लेने का प्रयास किया गया. मगर, कोर्ट ने लोकहित से जुड़ा मामला मानते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था.
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