इस्लामाबाद। आतंकवाद, गरीबी समेत तमाम मोर्चों पर पहले से ही लड़ाई लड़ रहे पाकिस्तान (Pakistan) के सामने एक और मुसीबत खड़ी हो गई है। पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर (Asim Munir) के खिलाफ सेना के ही जूनियर अधिकारियों ने बिगुल फूंक दिया है। पाकिस्तानी सेना के जूनियर अफसरों ने दो टूक कहा है कि मुनीर को या तो इस्तीफा देना होगा, वरना परिणाम भुगतने होंगे। अपनों की ही बगावत से मुनीर की खाट खड़ी हो गई है। अधिकारियों ने पत्र में मुनीर से इतना तक कह दिया है कि तुम्हारा समय खत्म हो गया है, इसलिए जल्द इस्तीफा दे दो।
जूनियर अधिकारियों ने मुनीर को पत्र लिखकर इस्तीफे की मांग की है। सेना को राजनैतिक उत्पीड़न और व्यक्तिगत प्रतिशोध में बदलने का आरोप लगाया गया है। यह लेटर पाकिस्तानी सेना के ही कुछ कर्नल, कैप्टन और जवानों ने लिखा है। आर्मी चीफ के पास पत्र पहुंचते ही पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। मुनीर को लेटर में 1971 की हार की भी याद दिलाई गई, जब पाक को करारी हार का सामना करना पड़ा था और फिर बांग्लादेश बना था।
लेटर में कहा गया, ”यह कोई दलील नहीं है और न ही कोई बातचीत है। यह आपका 1971 है जनरल और हम आपको इसकी छाया में दफन नहीं होने देंगे।” अधिकारियों ने मुनीर पर राजनीतिक असहमति को दबाने, पत्रकारों को चुप कराने, लोकतांत्रिक ताकतों को कुचलने व सेना की प्रतिष्ठा को खत्म करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हटाने के बाद हुई हिंसक कार्रवाई, 2024 के चुनावों में गड़बड़ी आदि का भी जिक्र किया गया है।
पाकिस्तानी सेना में मची फूट से शहबाज सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, सरकार के कामकाज में आर्मी का काफी दखल रहता है। वह ही जिसे चाहती है उसकी ही सरकार बनती है। ऐसे में सेना में जूनियर अफसरों द्वारा हुई इस फूट से साफ है कि शहबाज सरकार के लिए आने वाला समय आसान नहीं रहने वाला है।
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