नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 15वें सीजन की शुरुआत 26 मार्च से होगी। इस बार टूर्नामेंट में लीग राउंड के सभी मैच मुंबई के तीन और पुणे के एक मैदान पर खेले जाएंगे। पिछले साल की चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स पर इस बार खिताब बचाने की चुनौती होगी। चेन्नई की टीम उद्घाटन मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ उतरेगी। टूर्नामेंट से पहले ‘डैड्स आर्मी’ के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि चोटिल दीपक चाहर का क्या होगा? वे कब तक खेलने के लिए उपलब्ध हो जाएंगे? उनकी अनुपस्थिति में कौन खेलेगा?
चेन्नई ने टूर्नामेंट के एक बड़े हिस्से के लिए अपने तेज गेंदबाज दीपक चाहर को खो दिया है। अब देखना है कि वे कैसे सुनिश्चित करते हैं कि इससे टीम का संतुलन प्रभावित न हो? 2018 के बाद से चाहर आईपीएल में सबसे शानदार पावरप्ले गेंदबाज रहे हैं। चाहर ने पावरप्ले में 42 विकेट लिए हैं। उनके बाद ट्रेंट बोल्ट ने 27 विकेट लिए हैं। इसलिए किसी ऐसे खिलाड़ी को ढूंढना बहुत मुश्किल होगा जो गेंद के साथ समान प्रभाव डाल सके। फिर भी, गेंदबाजी को मजबूत करने के लिए अभी चेन्नई के सामने ज्यादा समय होगा, क्योंकि टूर्नामेंट की शुरुआत में पिच बल्लेबाजों के पक्ष में होने की संभावना है।
धोनी के पास क्या-क्या विकल्प हैं?
एक विकल्प यह है कि रॉबिन उथप्पा को ऋतुराज गायकवाड़ के साथ ओपनिंग कराया जाए। ऐसे में क्रिस जॉर्डन और एडम मिल्ने को टीम में रखा जा सकता है। दूसरा विकल्प अनकैप्ड भारतीय तेज गेंदबाज राजवर्धन हंगरगेकर को टीम में लाए और गायकवाड़ के साथ न्यूजीलैंड के डेवोन कॉनवे को ओपनिंग में उतारे। हंगरगेकर के अलावा चेन्नई सुपरकिंग्स के पास मुकेश चौधरी, तुषार देशपांडे, सिमरजीत सिंह और केएम आसिफ में जैसे भारतीय विकल्प भी हैं। अब देखना है कि धोनी किस संतुलन के साथ उतरना पसंद करेंगे।
चेन्नई की मजबूती: अनुभव और बल्लेबाजी में गहराई
चेन्नई सुपरकिंग्स को हमेशा अनुभवी टीम के तौर पर माना जाता है। कप्तान धोनी अनुभवी खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। उनके नेतृत्व में फ्रेंचाइजी ने पिछले टूर्नामेंटों में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। 2020 सीजन को छोड़ दें तो टीम हमेशा खिताब जीतने के करीब पहुंची है। उसने चार बार टूर्नामेंट को अपने नाम किया है। अनुभवी और उम्रदराज टीम होने के कारण चेन्नई को ‘डैड्स आर्मी’ भी कहा जाता है।
आईपीएल में अंक तालिका की लड़ाई अंतिम समय में ज्यादा होती है। ऐसे समय में अनुभवी खिलाड़ी ज्यादा अहम होते हैं। चेन्नई के पास इस साल कई अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिनमें ड्वेन ब्रावो, रवींद्र जडेजा, रॉबिन उथप्पा, अंबाती रायुडू और मिशेल सेंटनर शामिल हैं। अनुभव के अलावा इस साल चेन्नई की एक और मजबूती उसकी बल्लेबाजी में गहराई है। ऋतुराज गायकवाड़ के साथ उथप्पा या कॉनवे ओपनिंग करेंगे। उनके बाद मोईन अली, अंबाती रायुडू, धोनी, ब्रावो, रवींद्र जडेजा और शिवम दुबे हैं। ऐसे में टीम की बल्लेबाजी खतरनाक दिख रही है।
कमजोरी: अंतिम ओवरों में गेंदबाजी (डेथ बॉलिंग)
फ्रेंचाइजी के लिए डेथ बॉलिंग एक बड़ी चिंता है। चेन्नई ने क्रिस जॉर्डन और तुषार देशपांडे को इसे हल करने के लिए चुना है। दोनों को ड्वेन ब्रावो से सहायता मिलेगी। सवाल यह है कि तीनों गेंदबाज हर मैच क्या अच्छा प्रदर्शन करेंगे? ब्रावो पिछली बार कई मैचों में महंगे साबित हुए थे। यही हाल जॉर्डन का भी है। देशपांडे पिछले सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के साथ थे। वे अच्छी पसंद तो हैं, लेकिन उनके पास अनुभव की कमी है। ऐसे में डेथ ओवर को धोनी कैसे संभालते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।
चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान) रवींद्र जडेजा, मोईन अली, ऋतुराज गायकवाड़, रॉबिन उथप्पा, ड्वेन ब्रावो, अंबाती रायुडू, दीपक चाहर, केएम आसिफ, तुषार देशपांडे, शिवम दुबे, महेश तीक्ष्णा, राजवर्धन हंगरगेकर, सिमरजीत सिंह, डेवोन कॉनवे, ड्वेन प्रिटोरियस, मिशेल सेंटनर, एडम मिल्ने, सुभ्रांशु सेनापति, मुकेश चौधरी, प्रशांत सोलंकी, सी हरि निशांत, एन जगदीसन, क्रिस जॉर्डन, के भगत वर्मा।
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