नागदा/उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित औद्योगिक नगर नागदा (industrial town nagda) के पास एनटीपीसी (NTPC) की अरबों की बेशकीमती खाली पड़ी 113.944 हैक्टेयर भूमि पर सांसद अनिल फिरोजिया (MP Anil Firojia) की मंशा का एक प्रस्तावित प्रोजेक्ट विवादों के मकडज़ाल में उलझता नजर आ रहा है।
प्रदेश के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामजिक कार्यकर्ता अभय चौपड़ा निवासी नागदा ने बिना किसी राजनैतिक नेता का नाम लिए बिना इस भूमि पर किसी प्रोजेक्ट की आड़ में अरबों की संपति की हेराफेरी करने तथा किसानों के साथ घोखाधड़ी करने का मुद़दा उठाया है। अभय ने बुधवार को एक लिखित प्रेस बयान में इस भूमि को लेकर कई तथ्यात्मक सवाल खड़े किए हैं। साथ ही हिंदुस्थान समाचार संवाददाता नागदा से बातचीत के साथ भूमि को लेकर उठाए सवाल की प्रति भी उपलब्ध कराई।
क्या है भूमि का मामला
प्रमाणिक दस्तावेजों एवं जानकारी के अनुसार एनटीपीसी अर्थात नेशनल थर्मल पॉवर ने वर्ष 1992 में नागदा के पाए एक स्थान पर प्रोजेक्ट स्थापित करने का मसौदा तैयार किया था। यह संयंत्र तत्कालीन सोवियत रूस की सहायता से स्थापित होना था।
इस प्रोजेक्ट में 765 केवी सब स्टेशन एवं उससे संबधित परिषण लाइनों के निर्माण का संयंत्र स्थापित करना था । इस योजना के लिए नागदा शहर से लगभग 6 किमी दूर उज्जैन रोड पर पुष्टा फैक्ट्री के पास भूमि को चिन्हित किया गया था।
किसानों की 106. 449 हैक्टेयर भूमि
प्रमाणों के अनुसार इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 113. 944 हैक्टेयर भूमि एनटीपीसी ने अधिग्रहण की थी । उस स्थान पर मात्र 7.45 हैक्टयर भूमि सरकारी थी। ऐसी स्थिति में योजना के मुताबिक शेष जमीन किसानों से 106.449 हैक्टयर का अधिग्रहण किया गया। बताया जा रहा हैकि किसानों से सस्ते दामों में यह भूमि नेशनल थर्मल पॉवर ने अपने कब्जे में की थी। बाद में इस प्रोजेक्ट में एक नया मोड़ आया और पूरा मामला खटाई में पड़ गया। पावरग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड कंपनी बनने के बाद इस भूमि के स्वामित्व को पावरग्रिड को हस्तांतरित कर दिया गया। पावरग्रिड से सेंटर ट्रांसमिशन यूटिलीटी के प्रथक्करण के बाद भारत सरकार ने संकेत दिए है कि इस भूमि पर परिषण के अतिरिक्त पावरग्रिड के पास अन्य गतिविधियों के लिए भी अवसर उपलब्ध हो जाएंगे।
सांसद ने नवंबर 2020 में कार्यवाही की
जानकारी के अनुसार उज्जैन संसदीय क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया ने इस खाली पड़ी भूमि हजारों बीघा भूमि पर कोई संयत्र स्थापित करने के लिए भारत सरकार को एक पत्र 2 नवंबर 2020 को प्रेषित किया।
भारत सरकार मंत्री का पत्र सुरक्षित
प्रोजेक्ट को लेकर भारत सरकार विधुत एवं नवीन और नवीनीकरण उर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह का वह पत्र सुरक्षित है जो सांसद अनिल फिरोजिया के नाम 8 दिसंबर 2020 को जारी किया गया। इस पत्र में यह बताया गया कि पावरग्रिड इस भूमि पर उर्जा भंडारण अर्थात एनर्जीस्टोरेज, सौर अथवा अन्य नवीनीकरण उर्जा उत्पादन, अनुसंघान एवं विकास केंद्र जैसी परियोजनाओं को योजित करने के लिए विचार कर रहा है।
चौपड़ा ने ये उठाए सवाल
1. अभय चौपड़ा ने किसानों की हित में आवाज उठाते हुए यह मसला उठाया हैकि उस समय कृषकों से सस्ते दामों में जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें यह शर्त थीकि एनटीपीसी प्रोजेक्ट स्थापित करेगा। लेकिन जब प्रोजेक्ट असफल हुआ तो किसानों को शर्त के अनुसार पुन: भूमि लौटाना चाहिए।
2. बिना किसी का नाम लिए अभय का कहना हैकि कुछ राजनेताओं की निगाहे इस भूमि पर है, जो कुछ छोटा- मोटा प्रोजेक्ट डालकर शेष भूमि को हथियाना चाहते हैं जोकि किसानों की है। इस प्रकार का कृत्य धोखाधड़ी है।
3. इस भूमि पर नेशनल थर्मल पावर प्लांट ही खोला जाए यदि अन्य प्रोजेक्ट स्थापित किया जाता है तो नए सिरे से जितनी भूमि की आश्यकता है, उतनी ही जमीन एक्वायर की जाए। नए मूल्यांकन कर किसानों को भूमि की राशि दी जाए।
4. अन्य प्रोजेक्ट की आड़ में सारी भूमि पर कब्जा करने के प्रयास का विरोध है।
क्या बोले सांसद प्रतिनिधि
इस मामले में सांसद अनिल फिरोजिया के प्रतिनिधि प्रकाश जैन से संपर्क करने पर उन्होंने इस भूमि को लेकर इस प्रकार की आपति को कांग्रेस का एक षडयंत्र बताया। उनका कहना है कि कांग्रेस नहीं चाहती हैकि यहां पर लोगों को रोजगार मिले और कोई उद्योग स्थापित हो। इस भूमि पर किसी रोजगारमुखी प्रोजेक्ट की प्रकिया विचाराधीन है। वर्ष 1992 से यह भूमि खाली पड़ी थी तब किसी का ध्यान नहीं गया और सांसद अनिल फिरोजिया ने इस मामले को नागदा एवं क्षेत्र के विकास के लिए उठाया है। इस प्रकार की आपत्ति करना कतई उचित नहीं है। एजेंसी
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved