नई दिल्ली। तमिलनाडु की राजनीति (political of Tamil Nadu) में बुधवार को हुए एक नाटकीय घटनाक्रम में अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वीके शशिकला (V.K. Sasikala) ने राजनीति से संन्यास (retired from politics) लेने की घोषणा की है। शशिकला ने मीडिया को जारी अपने पत्र में कहा कि वह चाहती हैं कि सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक एकजुट रहे ताकि विपक्षी द्रमुक पार्टी को हराया जा सके।
वीके शशिकला अन्नाद्रमुक की दिवंगत नेता जयललिता की निकट सहयोगी रही हैं। राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा के दौरान उन्होंने जयललिता के शासनकाल और उनकी विरासत की प्रशंसा की। शशिकला हाल ही में आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 वर्ष की सजा काटकर जेल से बाहर आई हैं। उसके बाद राजनीति में उनके फिर से सक्रिय होने की संभावना थी।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में अन्य चार राज्यों के साथ चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव में शशिकला के संबंधी दिनाकरण की पार्टी भी चुनाव मैदान में है। शशिकला के इस पार्टी के समर्थन में चुनाव प्रचार करने की संभावना थी। इस संभावना पर उनके राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा के बाद विराम लग गया है।
राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि शशिकला के राजनीति से हटने के कारण सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन को लाभ मिलेगा। इस गठबंधन का मुख्य मुकाबला द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन से है।
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु का दौरा किया था। मीडिया में यह अटकलबाजी हो रही थी कि उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए राह आसान बनाने की कवायद में विभिन्न पक्षों से विचार-विमर्श किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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