नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और यूनिसेफ ने कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड और नोवावैक्स की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए समझौता किया है। इस समझौते के तहत 100 देशों में 1।1 बिलियन वैक्सीन डोज भेजी जाएगी। भारत, दुनिया के सबसे बड़े दवा निर्माताओं में से एक है और कई देशों ने हमसे कोरोना वैक्सीन की खरीद के लिए संपर्क किया है।
गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया जा रहा है, और नोवाक्स का उत्पादन यूएस-आधारित नोवाक्स इंक द्वारा किया जा रहा है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ समझौते का ऐलान किया।
यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा कि हमने पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (PAHO) समेत कई संगठनों के साथ मिलकर 100 देशों के लिए 1।1 बिलियन वैक्सीन की डोज का आर्डर दिया है। यह वैक्सीन 3 अमेरिकी डॉलर में निम्न और निम्न मध्य आय के लोगों को दिया जाएगा।
यूनिसेफ ने कहा कि हम विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा टीके के अनुमोदन के अधीन देशों में इन टीकों को वितरित करने के लिए SII के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं। निम्न आय वर्ग के लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के लिए COVAX पहल की शुरुआत की गई है। इसका नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र कर रही है।
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