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    26 जुलाई की बड़ी खबरें

  • July 26, 2023

    1. कांग्रेस कर सकती है INDIA गठबंधन की अध्यक्षता के लिए दावेदारी पेश, खड़गे सबसे प्रबल दावेदार

    स्वतंत्रता दिवस के बाद मुंबई में होने वाली इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (INDIA) की बैठक (meeting) कई मायनों में बेहद अहम साबित होगी। यह बैठक विपक्षी गठबंधन (opposition alliance) की भविष्य की दिशा और दशा दोनों तय करेगी। इस बैठक में गठबंधन के संयोजक के साथ अध्यक्ष पद (President) पर भी चर्चा होगी। मुंबई बैठक में विपक्षी दल समन्वय समिति के सदस्यों का चयन, गठबंधन के संयोजक और न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने पर चर्चा करेंगे। इस बीच, कांग्रेस में यह मांग जोर पकड़ रही है कि पार्टी को इंडिया गठबंधन की अध्यक्षता पर दावेदारी करनी चाहिए। सूत्रों का कहना है कि मुंबई बैठक में कांग्रेस इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस के अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश करेगी। पार्टी का मानना है कि सबसे बड़ा विपक्षी दल होने के नाते इंडिया का अध्यक्ष कांग्रेस से होना चाहिए।

     

    2. Manipur: कुकी संगठन ने PM को पत्र लिखकर की राष्ट्रपति शासन की मांग, मैतेई ने किया ये आग्रह

    मणिपुर (Manipur) की जोमी काउंसिल स्टीयरिंग कमेटी (Zomi Council Steering Committee) (जेडसीएससी) ने राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लगाने की मांग की। कमेटी नौ कुकी-जोमी जनजातियों (Nine Kuki-Zomi Tribes) का प्रतिनिधित्व करती है। वहीं, मैतेई नागरिक अधिकार संगठन कोकोमी (Meitei Civil Rights Organization Kokomi) ने केंद्र से आग्रह किया है कि आप कुकी उग्रवादी समूहों के साथ बातचीत न करें। मणिपुर में कई दिनों से जारी जातीय संघर्ष के कारण जोमी-कुकी संगठन ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य के आदिवासियों पर हमला किया गया, इसकी एनआईए जांच की जाए। घाटी जिलों में एएफएसपीए के प्रावधानों को लागू करने के लिए कहा ताकि, सेना कानून व्यवस्था का पूर्ण नियंत्रण अपने हाथ में ले सके।

     

    3. ईडी निदेशक एसके मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

    केंद्र ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख एसके मिश्रा (SK Mishra) के कार्यकाल के विस्तार की मांग करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है, जो सोमवार, 31 जुलाई को समाप्त होने वाला है। जानकारी अनुसार 11 जुलाई को, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और संजय करोल की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मिश्रा के कार्यकाल को दिए गए विस्तार को अवैध माना, क्योंकि यह कॉमन कॉज मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2021 के फैसले के जनादेश का उल्लंघन था, जिसने विशेष रूप से केंद्र सरकार को कोई और विस्तार देने से रोक दिया था। हालाँकि, न्यायालय ने अंतरराष्ट्रीय निकाय एफएटीएफ की सहकर्मी समीक्षा और सत्ता के सुचारू हस्तांतरण के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें 31 जुलाई, 2023 तक अपने पद पर बने रहने की अनुमति दी। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने आज न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से अपने फैसले के संबंध में दायर एक आवेदन पर शुक्रवार से पहले सुनवाई करने का आग्रह किया। पीठ ने आवेदन को गुरुवार (कल) अपराह्न साढ़े तीन बजे सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की। बता दें कि केंद्र सरकार ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने के अपने फैसले पर लंबे समय तक राजनीतिक विवाद में उलझी रही, नियुक्ति आदेश के अनुसार, वह 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर दो साल बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे।

     

    4. पंजाब में बाढ़ ने मचाई भीषण तबाही, 41 लोगों की मौत; 1600 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर

    पंजाब (Punjab) में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है. खबर है कि इस विनाशकारी बाढ ने 41 लोगों की जान ले ली है. जबकि 1,616 लोग अभी भी 173 राहत शिविरों में रह रहे हैं. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. 19 जिले तरनतारन, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, रूपनगर, कपूरथला, पटियाला, मोगा, लुधियाना, एसएएस नगर, जालंधर, संगरूर, एसबीएस नगर, फाजिल्का, गुरदासपुर, मनसा, बठिंडा और पठानकोट बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि सरकार और बचाव एजेंसियों ने जलजमाव वाले इलाकों से 27,286 लोगों को सुरक्षित निकाला है. राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ से 41 लोगों की मौत हो गई. बता दें कि पंजाब और हरियाणा के कई जिले हाल ही में हुई भारी बारिश से प्रभावित हुए, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया और आवासीय और कृषि भूमि के बड़े हिस्से में पानी भर गया.

     

    5. वंदे भारत में गजब है सुरक्षा इंतजाम, आग लगने पर भी यात्री सुरक्षित, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने दिया जवाब

    भोपाल से दिल्ली जा रही वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat train going from Bhopal to Delhi) के बैटरी बॉक्स में आग लगने के हफ्ते भर बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने इस श्रेणी की अत्याधुनिक रेलगाड़ियों में यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को रविवार को खारिज किया. लाहोटी ने कहा कि तेज रफ्तार वाली इन रेलगाड़ियों में अग्नि सुरक्षा के ‘बहुत अच्छे’ इंतजाम हैं जिनके बूते भोपाल से दिल्ली जा रही वंदे भारत ट्रेन में लगी आग को वक्त रहते बुझा लिया गया था. अधिकारियों के मुताबिक 17 जुलाई की इस घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ था. लाहोटी ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा कि वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई चिंताएं नहीं हैं. इस रेलगाड़ियों में आग से बचाव के बहुत अच्छे इंतजाम हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान इन परियोजनाओं से जुड़ी कई रुकावटें दूर हुई हैं और इनके काम काज में अच्छी प्रगति हुई है.

     

    6. ‘भारतीय सेना को हमेशा अलर्ट रहना होगा, कारगिल की जंग ने यही सिखाया’, पूर्व थलसेना प्रमुख वीपी मलिक

    कारगिल विजय दिवस (कारगिल विजय दिवस) पर भारतीय थल सेना (Indian army) के पूर्व प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने कहा कि ‘पाकिस्तान हो या चीन, ये कितनी भी मित्रता दिखाएं, हमें (भारतीय सशस्त्र बलों को) को हर समय अलर्ट रहना होगा। कारगिल युद्ध ने यही सिखाया है। कारगिल विजय दिवस समारोह पर भारतीय सेना दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए पूर्व थलसेना अध्यक्ष वीपी मलिक ने आगे कहा कि ‘हमारे देश की सेना अब पहले से सशक्त हो गई है। कारगिल की सीमा पर बहुत विकास हुआ है। जनरल वीपी मलिक ने आगे कहा कि कारगिल का युद्ध सबसे चुनौतीपूर्ण इलाके में कठोर मौसम की स्थिति में लड़ा गया था। इसके बावजूद द्रास, कारगिल और बटालिक सेक्टरों में दुश्मन की हार हुई। भारतीय सेना ने युद्ध में टोलोलिंग, टाइगर हिल और प्वाइंट 4875 सहित अन्य रणनीतिक चोटियों पर फिर से कब्जा कर लिया। उन्होंने बताया कि आज कारगिल के आसपास सभी जगह रोड बन गई हैं। सेना को पहुंचने में अधिक समय नहीं लगेगा। जनरल वीपी मलिक ने अपने सैनिकों की शहादत को याद किया।

     

    7. रांची की एक लड़की पिछले 20 महीने से बंधक है दिल्ली के आदर्श नगर के एक मकान में

    रांची की एक लड़की (A Girl from Ranchi) दिल्ली के आदर्श नगर के (In Delhi’s Adarsh ​​Nagar) एक मकान में (In A House) पिछले 20 महीने से (For the Last 20 Months) बंधक है (Is Hostage) । उसे काम दिलाने के बहाने रांची से दिल्ली ले जाया गया था। इसके बाद से ही उसकी कोई सूचना नहीं थी। लड़की ने किसी तरह अपने भाई से मोबाइल फोन पर संपर्क किया है। इसके बाद लड़की के अपहरण और ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकायत पर रांची पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में एफआईआर दर्ज की गई है। रांची पुलिस की टीम लड़की को रेस्क्यू कराने के लिए दिल्ली जाएगी। एफआईआर के मुताबिक रांची के धुर्वा क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग लड़की को 6 दिसंबर 2021 को एक महिला और कुछ लोग अपने साथ दिल्ली ले गए थे। वहां उसे तीन दिन कमरे में बंद रखा गया। उसे दिल्ली में किसी व्यक्ति को बेच दिया गया है। लड़की ने अपने भाई को फोन पर बताया है कि वह आदर्श नगर शनिचरिया रोड में एक घर में काम करती है। उसे घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता। घर के मालिक जब बाहर जाते हैं तो उसे बंद कर दिया जाता है।

     

    8. ज्ञानवापी मामले में SC से हुई थी गलती, निपटा दी दूसरी याचिका; CJI को पता चला तो तुरंत बदला फैसला

    ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से एक गलती हुई। सुनवाई के दौरान निपटारा किसी और याचिका का करना था लेकिन गलती से निशाने पर दूसरी याचिका आ गई। एडवोकेट ने ये मामला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के संज्ञान में लाया तो वो खुद भी हैरत में रह गए। उन्होंने रिकार्ड को चेक कराया और फिर गलती मानते हुए मस्जिद कमेटी की याचिका को फिर से बहाल करने का आदेश जारी किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी समिति की उस याचिका को बुधवार को बहाल किया, जिसका उसने मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के काम पर रोक लगाते समय 24 जुलाई को अनजाने में निपटारा कर दिया था। एएसआई यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण कर रहा था कि क्या मस्जिद का निर्माण वहां पहले मौजूद किसी मंदिर पर किया गया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया प्रबंधन समिति की ओर से पेश वकील हुफेजा अहमदी की दरख्वास्त पर संज्ञान लेकर ये फैसला दिया। अदालत ने सुनवाई की आखिरी तारीख को एएसआई के काम पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली उसकी अंतरिम याचिका के बजाय मुख्य याचिका का निपटारा कर दिया था।

     

    9. विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में अगले हफ्ते हो सकती है चर्चा, जानें क्या कहता है नियम

    मानसून सत्र की शुरुआत से ही संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चला आ रहा गतिरोध बुधवार (26 जुलाई) को नए मोड़ पर पहुंच गया. विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंजूर कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर अगले हफ्ते चर्चा हो सकती है. बुधवार सुबह 9.10 बजे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा सचिवालय में एक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष लिखित नोटिस दिया. प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा है कि इस पर चर्चा के लिए वक्त और तारीख बाद में तय किया जाएगा. लोकसभा की प्रक्रिया और आचरण नियमावली के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव के बारे में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि संसद का कोई भी सदस्य, जिसके पास 50 से अधिक सदस्यों का समर्थन हो, अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. नियम के मुताबिक, प्रस्ताव स्वीकार होने के 10 दिनों के भीतर सरकार को सदन में बहुमत साबित करना होता है. अगर सरकार बहुमत साबित करने में असफल रहती है तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है.

     

    10. PM मोदी ने प्रगति मैदान में किया भारत मंडपम का उद्घाटन

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बुधवार (26 जुलाई) को दिल्ली के प्रगति मैदान में नए आईटीपीओ कॉम्प्लेक्स (ITPO Complex) ‘भारत मंडपम’ (Bharat Mandapam) का उद्घाटन किया. इस उद्घाटन समारोह में पीएम के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राजनाथ सिंह, डॉ. जितेंद्र सिंह, अभिनेता आमिर खान (actor aamir khan) और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए. पीएम मोदी ने प्रगति मैदान में पुनर्विकसित भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) परिसर में इसके आधिकारिक उद्घाटन से पहले पूजा की. उन्होंने परिसर के निर्माण में शामिल मजदूरों से बातचीत की और उन्हें सम्मानित किया. पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मंडपम के लिए पूरे देश को बधाई (Congratulations to the whole country for Bharat Mandapam) देता हूं.

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    केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के एक तिहाई पद खाली तो किसके भरोसे संस्थान

    Thu Jul 27 , 2023
    – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा देश के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के समग्र रूप से 33 प्रतिशत से भी अधिक पदों का खाली होना हमारी उच्च शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख देने की लिए काफी है। मजे की बात यह है कि कई राज्यों के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में तो यह आंकड़ा 88 प्रतिशत […]
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