नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन को लेकर कई अच्छी खबरें सुनने को मिली हैं, जिसमें सबसे बड़ी ये थी कि ब्रिटेन में टीकाकरण शुरू हो गया। वैक्सीन बना रही कई कंपनियों ने अपनी-अपनी वैक्सीन को काफी असरदार बताया था। अब वैक्सीन को लेकर ही एक अच्छी खबर ये आ रही है कि रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने कहा है कि दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने चिकित्सकीय परीक्षण के दौरान रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन के एक अंश के इस्तेमाल की उसकी पेशकश को स्वीकार कर लिया है।
आरडीआईएफ और स्पूतनिक-वी वैक्सीन को विकसित करने वाले गमलेया इंस्टीट्यूट ने पिछले महीने यानी 23 नवंबर को एस्ट्राजेनेका कंपनी को उसकी कोरोना वैक्सीन के परीक्षण के दौरान स्पूतनिक-वी वैक्सीन के दो अंश में से एक का इस्तेमाल करने की पेशकश की थी।
अब परीक्षण के दौरान लोगों को स्पूतनिक-वी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की खुराक मिलाकर दी जाएगी। बयान में कहा गया, ‘एस्ट्राजेनेका ने आरडीआईएफ के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और इस साल के अंत तक उसकी वैक्सीन के साथ स्पूतनिक-वी के एडी26 घटक का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू किया जाएगा।’
आरडीआईएफ का कहना कि इस परीक्षण से एस्ट्राजेनेका को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या दोनों वैक्सीन के संयोजन से इसका असर बढ़ सकता है। ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के साथ पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने करार किया है, जिसके तहत भारत में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ट्रायल और उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है।
रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-वी को लेकर एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें इसे कोरोना वायरस से लड़ने में 95 फीसदी तक असरदार होने का दावा किया गया है। माना जा रहा है कि इस वैक्सीन की पहली डिलीवरी अगले साल जनवरी में हो जाएगी। जिन देशों ने इस वैक्सीन के लिए रूस से समझौता किया है, उन्हें इसकी पहली खेप मार्च 2021 की शुरुआत से मिलने लगेगी।
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