नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने उन सभी एयरलाइंस के लिए एडवाइजरी जारी की है, जो Boeing 737 विमानों का संचालन करती हैं. अमेरिकी जांच रिपोर्ट में रुडर कंट्रोल सिस्टम (Rudder Control System) में संभावित खामी के बारे में चिंताओं के मद्देनजर यह एडवाइजरी दी गई है. अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) एविएशन की एक जांच रिपोर्ट में कुछ खास प्रकार के रुडर कंट्रोल सिस्टम से लैस Boeing 737 विमानों में सुरक्षा से जुड़े सवाल उठाए गए थे.
बता दें कि भारत में एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express), स्पाइसजेट (SpiceJet), और अकासा (Akasa) जैसी एयरलाइंस बोइंग 737 विमानों का उपयोग करती हैं, लेकिन यह समस्या कॉलिन्स एयरोस्पेस (Collins Aerospace) द्वारा बनाए गए एक्ट्युएटर से संबंधित है. DGCA की इस एडवाइजरी का मुख्य उद्देश्य विमानों की सुरक्षा को बढ़ाना और सुनिश्चित करना है कि क्रू संभावित रुडर कंट्रोल समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हो.
रिपोर्ट के मुताबिक, DGCA के एक अधिकारी के अनुसार, यह निर्णय फिलहाल एक अंतरिम उपाय के रूप में लिया गया है. DGCA Boeing के साथ मिलकर इस समस्या के लिए लॉन्ग टर्म समाधान निकालने पर काम करेगा. अधिकारी ने कहा, “हमने भारतीय ऑपरेटरों से कहा है कि वे अपने क्रू को सूचित करें कि उड़ान के दौरान या लैंडिंग के समय रुडर कंट्रोल सिस्टम जाम हो सकता है. यह घटना खासकर जब हो सकती है, जब इसमें नमी जमा हो जाए और एक्ट्युएटर में जम जाए. इसके अलावा क्रू को फ्लाइट मैनुअल ‘क्विक रेफरेंस हैंडबुक’ (QRH) की ओर भी निर्देशित किया गया है.”
DGCA के नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया कि ये अस्थायी उपाय विमानों की सुरक्षा बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि फ्लाइट क्रू संभावित रुडर कंट्रोल समस्याओं को प्रभावी ढंग से संभाल सकें, जब तक कि बोइंग और एफ.ए.ए. (Federal Aviation Administration) द्वारा विस्तृत ऑपरेशनल गाइडलाइन्स जारी नहीं ही जातीं.
DGCA ने Collins Aerospace SVO-730 रुडर रोलआउट गाइडेंस एक्ट्युएटर्स’ पर अमेरिकी रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें रुडर के जाम होने की संभावना को लेकर जोखिम की बात कही गई थी. DGCA ने एयरलाइंस से कहा कि वे अपने क्रू को ऐसी स्थिति से निपटने के उपाय बताएं. जब तक आगे कोई निर्देश नहीं मिलता, तब तक ऐसे विमान ‘कैटेगरी III B’ लैंडिंग या संचालन नहीं करेंगे. कैटेगरी III B लैंडिंग में एक सटीक लैंडिंग होती है, जिसमें 50 फीट की ऊंचाई से कम में निर्णय लिया जाता है और रनवे की विजिबिलिटी 700 से 150 फीट के बीच होती है.
DGCA ने एयरलाइंस को यह भी निर्देश दिया है कि वे क्रू के प्रशिक्षण में ऐसी स्थिति का अभ्यास कराएं, जहां रुडर कंट्रोल सिस्टम जाम या लिमिटेड हो जाए. DGCA ने यह भी कहा कि एयरलाइंस को ‘रिकरेंट ट्रेनिंग’ और ‘आईआर/पीपीसी’ में भी विशेष अभ्यास कराना चाहिए, जिसमें रुडर कंट्रोल सिस्टम के जाम या सीमित होने के मामलों का अभ्यास किया जाए, जिसमें रोलआउट प्रक्रियाएं भी शामिल हों. प्रशिक्षण से पहले, क्रू के साथ रुडर कंट्रोल सिस्टम पर चर्चा अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए.
30 सितंबर को अमेरिकी NTSB ने कहा कि बोइंग 737 विमान के 40 से अधिक विदेशी ऑपरेटरों, जिनमें 737 MAX विमान भी शामिल हैं, के पास ऐसे विमान हो सकते हैं जिनमें रुडर नियंत्रण के घटक सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं. पिछले महीने NTSB ने बोइंग 737 विमानों में रुडर कंट्रोल जाम होने की संभावना को लेकर एक तात्कालिक सेफ्टी एडवाइजरी जारी की थी.
यह एडवाइजरी फरवरी में यूनाइटेड एयरलाइन्स (United Airlines) की एक फ्लाइट के घटना की जांच के बाद दी गई थी. इसमें चेतावनी दी गई थी कि QRH मैनुअल में दिए गए निर्देश, जिसमें पायलटों को रुडर पैडल पर अधिकतम बल लगाने की आवश्यकता होती है, पायलटों के लिए नियंत्रण खोने या रनवे से भटकने का कारण बन सकते हैं, खासकर जब दोनों पायलट एक साथ प्रयास करते हैं.
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