नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सितंबर महीने के लिए वस्तु और सेवा कर (GST) रिटर्न भरने की समय-सीमा एक दिन बढ़ाकर 21 अक्टूबर कर दी है. गुरुवार को जीएसटी पोर्टल के धीमे काम करने से टैक्सपेयर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कुछ टैक्सपेयर्स के लिए मासिक जीएसटी रिटर्न भरने करने की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर थी. पोर्टल के धीमे चलने पर सीबीआईसी ने कहा था कि समयसीमा बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.
सीबीआईसी ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि जीएसटी काउंसिल ने सितंबर 2022 के लिए GSTR-3B रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख को 20 अक्टूबर 2022 से बढ़ाकर 21 अक्टूबर 2022 करने को मंजूरी दे दी गई है. पोर्टल के धीमे चलने पर सीबीआईसी ने कहा था कि समयसीमा बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. बता दें कि जिस बिजनेस का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से अधिक है, उसके लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी कि जीएसटी के अंतर्गत ई-इनवॉइस बनाना जरूरी होगा.
यह नया नियम 1 जनवरी से लागू होने जा रहा है. जीएसटी नेटवर्क ने इसके लिए अपने टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर से कहा है कि दिसंबर तक ई-इनवॉइस का पोर्टल तैयार कर लिया जाए. एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है. सरकार की कोशिश अगले वित्त वर्ष तक उन सभी बिजनेस को नए फ्रेमवर्क में लाना है जिनका सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपसे से अधिक है.
ऑनलाइन इनवॉइस या ई-इनवॉइस को जरूरी बनाने का नियम इसलिए लाया जा रहा है ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके और सरकारी की कमाई बढ़ाई जा सके. इनवॉइस को ऑनलाइन किए जाने से शिकायतों का निपटारा भी आसान हो जाएगा. जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का निर्णय लिया है. इसका मकसद यही है कि छोटे से छोटे बिजनेस को भी अर्थव्यवस्था के दायरे में लाया जाए.
जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के मुताबिक, 1 जनवरी 2023 से 5 करोड़ से अधिक सालाना टर्नओवर वाले बिजनेस का ई-इनवॉइसिंग अनिवार्य हो जाएगा. इसके अलावा बता दें कि सितंबर में लगातार 7वें महीने GST कलेक्शन1.4 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय ने आज इसकी जानकारी दी. मंत्रालय के मुताबिक सितंबर के महीने में जीएसटी कलेक्शन पिछले साल के मुकाबले 26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1.47 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है.
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