नई दिल्ली। छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. सरकार ने इन स्कीम की चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी इन योजनाओं के निवेशकों को पिछली तिमाही की दरों पर ही ब्याज मिलता रहेगा. नए निवेशकों को भी स्कीम में पिछली तिमाही की दरों पर ही ब्याज मिलेगा.
वित्त मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से इस बारे में नोटिफिकेशन (Notification) जारी किया गया है. सरकार हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को रिवाइज करती है. मार्च, 2021 में सरकार ने ब्याज दरें बढ़ाने का नोटिफिकेशन (Notification) जारी किया था, लेकिन फिर से वापस ले लिया गया. अब सरकार ने एक बार फिर 30 सितंबर को खत्म तिमाही के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
5वीं बार ब्याज दरें नहीं बदलीं
ये लगातार पांचवी तिमाही है जब सरकार ने पोस्ट ऑफिस स्कीम्स (post office schemes) जैसे पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) और सुकन्या समृद्धि स्कीम जैसी योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से 30 जून, 2021 को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक PPF पर 7.10 परसेंट, NSC पर 6.8 परसेंट, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम पर 6.6 परसेंट की दर से ब्याज मिलता रहेगा. सुकन्या समृद्धि स्कीम पर अभी 7.6% ब्याज मिल रहा है. जबकि सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर 7.4% ब्याज मिल रहा है जो कि आगे भी मिलता रहेगा.
स्कीम ब्याज दर
सुकन्या समृद्धि स्कीम (SSS) 7.6%
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम 7.4%
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) 7.1%
किसान विकास पत्र (KVP) 6.9%
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) 6.8%
मासिक इनकम अकाउंट 6.6%
31 मार्च को ब्याज दरें घटाने का ऐलान हुआ था
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि 31 मार्च, 2021 को सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया था, वित्त मंत्रालय की ओर से इस बात की घोषणा हुई थी कि पहली तिमाही यानी 30 जून को खत्म तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 0.40 परसें से लेकर 1.1 परसेंट की कटौती की गई है. ये कटौती अगर लागू हो जाती तो PPF की दर 7 परसेंट से नीचे फिसल जाती, और अगर ऐसा होता तो 1974 के बाद ये पहली बार होता. लेकिन अचानक 1 अप्रैल की सुबह वित्त मंत्री ने ट्वीट करके छोटी बचत योजनाओं में कटौती को एक भूल बताते हुए फैसले को वापस ले लिया था.
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