नई दिल्ली। Pay या फिर Gpay जैसे डिजिटल वॉलेट का अगर आप इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है । रिजर्व बैंक (RBI) ने एक नया सर्कुलर जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि बैंक या नॉन बैंक की ओर से जारी सभी प्रीपेड पेमेंट इंस्टूमेंट्स यानी PPIs 31 मार्च 2022 से interoperable हो जाएंगे।
रिजर्व बैंक के इस आदेश का मतलब ये हुआ कि फुल KYC (Know-Your-Customer ) वाले यूजर्स अब अपने वॉलेट से किसी दूसरे अलग कंपनी के वॉलेट में पैसा भेज और मंगा पाएंगे। यानी जरूरी नहीं कि Paytm से पैसा सिर्फ Paytm में ही भेजा जाए, आप PhonePe के वॉलेट में भी पैसे भेज सकते हैं या फिर मंगवा सकते हैं।
रिजर्व बैंक के जारी सर्कुलर में कहा गया है कि वॉलेट बेस्ड प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स यानी PPIs इंटरऑपरेबिलिटी को UPI के जरिए लागू करेंगे, जबकि कार्ड बेस्ड प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स कार्ड नेटवर्क के जरिए इसे लागू करेंगे। इसका मतलब ये हुआ कि अगले साल मार्च से पेमेंट वॉलेट और प्रीपेड कार्ड का इस्तेमाल ATM, माइक्रो ATM से कैश निकालने में कर सकते हैं. साथ ही PoS टर्मिनल से पर भी पेमेंट कर सकेंगे।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक फुल KYC वाले नॉन बैंक PPIs के यूजर्स एक बार में 2000 रुपये कैश निकाल सकेंगे और महीने में ये लिमिट 10,000 रुपये होगी। RBI सर्कुलर के मुताबिक मास ट्रांजिट सिस्टम के लिए PPIs (PPI-MTS) जैसे मेट्रो कार्ड, FASTag वगैरह को इंटरऑपरेबिलिटी से बाहर रखा गया है, जबकि Gift PPIs के पास इंटरऑपरेबिलिटी का विकल्प होगा। RBI फुल KYC होने पर अधिकतम आउटस्टैंडिंग की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है. रिजर्व बैंक के कदम से प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स करीब करीब पेमेंट बैंक की तरह हो जाएंगे, क्योंकि PPI यूजर्स अब ATM से कैश भी निकाल सकते हैं।
PPI ऐसे कार्ड या प्रोडक्ट हैं जिनमें एकमुश्त राशि पहले से ही रखी होती है और उसके एवज में कार्डधारक जरूरी वस्तुओं और सेवा की खरीद, पैसा भेजने तथा फंड ट्रांसफर समेत कई कामो को बिना कैश के कर सकता है। आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, पीपीआई इंस्ट्रूमेंट तीन तरह के होते हैं। इनमें क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई, सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई और ओपन सिस्टम पीपीआई शामिल हैं। देश में Paytm, MobiKwik, PayU सेमी क्लोज्ड वॉलेट में आते हैं।
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