उज्जैन । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन जिले (Ujjain District) में अस्पताल (Hospital) की लापरवाही (Negligence) सामने आई है. एक 6 महीने के बच्चे को गलत खून (Blood) चढ़ा देने से उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई. परिजन इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंचे. पुलिस ने मामले में जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की बात कही है.
लैब ने दी गलत रिपोर्ट
दरअसल बुखार के चलते ग्राम गोंदिया के पूर्व सरपंच अपने 6 माह के पौते को उज्जैन प्राइवेट क्लिनिक जांच करवाने के लिए पहुंचे थे.जहां डॉक्टर ने ब्लड की जांच के लिए बच्चे को परिजन के साथ शहर के सुपर स्पेशलिस्ट लैब भेजा. बच्चे की ब्लड रिपोर्ट B+ बताई गई. रिपोर्ट अनुसार डॉक्टर ने डेंगू बीमारी बताते हुए बच्चे को भर्ती करने को कहा. साथ ही 2 यूनिट ब्लड लाने को कहा. जिसे परिजन लेकर आए और बच्चे को ब्लड चढ़ा दिया गया. जब अचनाक बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी तो दौबारा बच्चे की ब्लड जांच की गई. जिसमें उसका ब्लड ग्रुप B- पाया गया. जिसके बाद हड़बड़ाहट में बच्चे को B नेगेटिव ब्लड चढ़ाया गया. तब बच्चे की हालत स्थिर हुई.
बच्चे के दादा मदनलाल ने थाना माधवनगर में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके 6 महीने के पोते शौर्य की तबीयत बिगड़ने पर वह उसे 6 सितंबर को फ्रीगंज स्थित डॉ. रवि राठौर के पास दिखाने ले गए थे. डॉ. रवि राठौर ने ब्लड जांच के लिए उन्हें फ्रीगंज स्थित स्पेशलिस्ट पैथोलॉजी लैबोरेट्री में भेजा. जहां बच्चे की ब्लड रिपोर्ट गलत आई. उसी रिपोर्ट के आधार पर बच्चे को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाया गया. जिससे बच्चे की तबीयत काफी बिगड़ गई. दूसरी बार ब्लड की जांच पाटीदार हॉस्पिटल की पैथोलॉजी में करवाई गई. जिसमें बच्चे के सही ब्लड ग्रुप का पता चल सका और उसे सही खून चढ़ाया गया.
लैब ने छिपाई रिपोर्ट
लापरवाही के इस पूरे मामले में परिजनों ने समझदारी व सूझ बूझ दिखाते हुए टेक्नोलॉजी का सही उपयोग किया और पेथोलॉजी से मिली B पॉजिटिव रिपोर्ट का फोटो खींच मोबाइल में सेव कर लिया. असलियत पता चलने पर जब परिजन दोबार उस लैब में पहुंचे तो उन्होंने धोखे से पॉजिटिव रिपोर्ट छिपा कर नेगेटिव रिपोर्ट दे दी. लेकिन परिजनो ने रिपोर्ट का पहले से ही फोटो खींच रखा था, जिससे मामले का खुलासा हो सका.
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