भोपाल: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग (health Department) द्वारा जारी किए जा रहे कोरोना के हेल्थ बुलेटिन (Corona’s health bulletin) पर कैसे भरोसा किया जाए ? यह सवाल शुरू से ही उठता आया है, लेकिन अब कोरोना के हेल्थ बुलेटिन को मजाक बना दिया गया है. हेल्थ बुलेटिन में कई ऐसी खामियां दिखाई दे रही हैं जो गंभीर लापरवाही (gross negligence) दर्शाती है. हालांकि अब हेल्थ बुलेटिन पर लोगों को भरोसा भी कम ही रह गया है. एक समय था जब कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर में लोगों को मध्य प्रदेश के हेल्थ बुलिटिन का इंतजार रहता था.
अब समय बीत गया है. जिस प्रकार हेल्थ बुलेटिन की विश्वसनीयता पर पहले सवाल खड़े किए गए थे, उसी तरीके से इस बार अब नया विवाद सामने आया है. हेल्थ बुलिटिन में कई गंभीर लापरवाही देखने को मिल रही है. 9 फरवरी के कोरोना बुलेटिन में मध्य प्रदेश में एक भी कोरोना के मरीज सक्रिय नहीं होने की जानकारी दी गई. जबकि इसी बुलेटिन के अलग कॉलम में उज्जैन (Ujjain) में एक पॉजिटिव मरीज होने की जानकारी साफ दिखाई दी.
इसके अलावा सबसे पहले नंबर पर आगर मालवा जिले का नाम अंकित है, जबकि आखिरी जिले की सूची में भी आगर मालवा का नाम लिख दिया गया. इसके अलावा इसके टोटल में भी गड़बड़ी दिखाई दे रही है. मध्य प्रदेश में जितने मरीजों की अभी तक मौत हुई है, उसका टोटल भी गलत है. हेल्थ बुलेटिन में सामने आई गड़बड़ी से कई ऐसे सवाल खड़े हो रहे हैं, जिनका जवाब आने वाले समय में स्वास्थ्य विभाग को देना चाहिए.
कोरोना स्पेशलिस्ट डॉक्टर रोनक एलची के मुताबिक, अभी तक तीनों लहर के दौरान इस बात की पुष्टि हुई है कि गर्मी के दिनों में मरीजों की संख्या में इजाफा होता है. अभी उज्जैन में एक पॉजिटिव मरीज सक्रिय है. इसे देखते हुए लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए. हालांकि वो मरीज विदेश से लौटने के बाद पॉजिटिव हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी भी लोगों को सर्दी, खांसी और बुखार होने पर अपनी जांच करवानी चाहिए.
मध्य प्रदेश में चुनावी साल होने की वजह से हर मुद्दा चुनाव से जुड़ रहा है. कांग्रेस ने भी हेल्थ बुलेटिन में सामने आई गड़बड़ी के बाद सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के विधायक मुरली मोरवाल ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए. वहीं कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा “सरकार की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. अभी हेल्थ बुलेटिन में ही गड़बड़ी नहीं आई है, बल्कि और भी कई गड़बड़ियां सामने दिख रही है. कोरोना को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए, मगर लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा होने की वजह से कांग्रेस चुप भी नहीं सकती है. मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 432 सैंपल लिए गए. यह कार्रवाई केवल कागज का पेट भरने जैसी है.”
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