नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 16 जनवरी से जारी टीकाकरण (Vaccination In India) में एक कथित तौर पर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाकर दिखाने के लिए एक आधार पर 16-16 लोगों का टीकाकरण किया गया.
यह मामला मध्य प्रदेश का है. बता दें कि 21 जून को कोरोना टीकाकरण का महाअभियान शुरू किया गया था. जिसमें राज्य अव्वल आया था. 21 जून को देश भर में करीब 83 लाख खुराकें दी गईं जिसमें एमपी में अकेले 16 लाख के करीब वैक्सीनेशन करने का दावा किया गया. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 555 आधार नंबरों पर 2-2, 90 पर तीन-तीन लोगों का टीकाकरण किया गया.
हिंदी अखबार दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बैरागढ़ के एक कैंप में एक ही आधार कार्ड पर 16 लोगों का टीकाकरण कर दिया. इसमें से तीन लोग झारखंड, महाराष्ट्र और सतना के निवासी हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह लोग कभी भोपाल आए ही नहीं. इसमें दावा किया गया है कि कोलार, बैरागढ़, बैरसिया और सिटी क्षेत्र के 10 हजार निवासियों को किए गए टीकाकरण की पड़ताल की गई है.
अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 661 लोगों के आधार पर 1459 लोगों को वैक्सीन लगाया गया. इसमें से सबसे ज्यादा 555 आधार नंबर ऐसे हैं जिस पर 2-2 लोगों का वैक्सीनेशन रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीनेशन सेंटर पर आधार संख्या 9999 पर सुलेमान को टीका लगाया गया है. सरकारी रिकॉर्ड में सुलेमान का जो नंबर दर्ज है वह सतना के राज चांदवानी का है. रिपोर्ट में राज के हवाले से दावा किया गया है कि वह 6 साल से भोपाल नहीं आए हैं.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि झारखंड निवासी 47 वर्षीय रामदयाल और महाराष्ट्र स्थित पुणे की प्रियंका को भी 9999 नंबर पर टीका लगाया गया है. जबकि रामदयाल और प्रियंका ने भोपाल में वैक्सीन लगवाई ही नहीं. रिपोर्ट के अनुसार भोपाल के एडीएम संदीप केरकेट्टा ने कहा कि एक आधार पर दूसरी बार फीड नहीं हो सकता है. यह संभव ही नहीं है कि एक ही आधार पर कई लोगों को वैक्सीन लगा दी जाए. पोर्टल एक ही आधार दूसरी बार स्वीकार नहीं करेगा. जरूर कोई कंफ्यूजन है.
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