नई दिल्ली: पार्टी में पड़ी फूट को लेकर अब एनसीपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. अजित पवार के साथ करीब 30 विधायक पहले ही पार्टी छोड़कर जा चुके हैं, वहीं बाकी विधायकों को लेकर भी दावा किया जा रहा है. इसी बीच एनसीपी दफ्तर में पार्टी के तमाम बड़े नेताओं की एक बैठक हो रही है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जा रही है. वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने दावा किया है कि वो फिर से पार्टी को खड़ा करके दिखाएंगे, इसके अलावा पवार ने बीजेपी को सबक सिखाने की भी बात कही है.
एनसीपी दफ्तर में बुलाई गई अहम बैठक में पार्टी के बड़े नेता जितेंद्र आव्हाड, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले और एकनाथ खडसे शामिल हैं. इस बैठक में शामिल होने से पहले एनसीपी नेता और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि विधायक फिर से पार्टी में आएंगे. वहीं अजित पवार का किया गया दावा झूठा है. 5 जुलाई को होने जा रही बैठक में विधायकों की संख्या स्पष्ट हो जाएगी.
बताया जा रहा है कि एनसीपी नेताओं की इस बैठक में विधायकों की वापसी पर चर्चा हो सकती है. एनसीपी नेता इस बात को लेकर रणनीति बना सकते हैं कि कैसे अजित पवार के पाले में गए विधायकों को मनाया जाए. साथ ही जिन विधायकों ने अपनी भूमिका अब तक स्पष्ट नहीं की है, उन्हें लेकर भी चर्चा हो सकती है. प्रफुल्ल पटेल ने बताया है कि शाम को मौजूदा हालत को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा सकती है.
इसी बीच अजित पवार के आवास के बाहर मौजूद एनसीपी विधायक उमेश पाटिल ने भी मौजूदा हालात पर मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, एनसीपी की बैठक 5 तारीख को बुलाई गई है, जिसमें सभी कार्यकर्ता आएंगे. यह कार्यकर्ता के ऊपर निर्भर करता है कि वे किस बैठक में शामिल होंगे. अजित पवार ने कार्यकर्ताओं को बुलाया है. सबसे ज़्यादा विधायक जिस गुट के पास रहेंगे उसका विरोधी पक्ष का नेता होगा. शरद पवार ने जो भी कुछ कहा है हम उस पर टिप्पणी नहीं करेंगे, शरद पवार हमारे लिए भगवान हैं.
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