नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) को कब्जा जमाए ढाई महीने से ज्यादा गुजर चुके हैं। इसके बावजूद अब तक न तो किसी देश ने उसे मान्यता दी है और न ही वहां खूनखराबा कम हुआ है। अब भारत ने चुप्पी तोड़ते हुए अफगानिस्तान पर बड़ी पहल (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) करने का फैसला किया है।
सभी अहम पड़ोसी देश सम्मेलन में आमंत्रित
सूत्रों के अनुसार भारत पहली बार अफगानिस्तान (Afghanistan) मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करने जा रहा है। NSA लेवल के इस सम्मेलन (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) में केवल अफगानिस्तान से सटे हुए देश ही नहीं बल्कि उसके आसपास के एशियाई देशों को भी आमंत्रित किया गया है. इस सम्मेलन की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजित डोवल (Ajit Doval) करेंगे. सम्मेलन 10 नवंबर को दिल्ली में होगा।
तमाम देशों ने बैठक में भाग लेने की पुष्टि की
सूत्रों का कहना है कि रूस, ईरान, मध्य पूर्व और सेंट्रल एशिया के तमाम देशों ने इस सम्मेलन (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) में भाग लेने की पुष्टि कर दी है. अफगानिस्तान (Afghanistan) नीति पर इसे भारत की बड़ी सफलता माना जा रहा है. हालांकि भारत से हमेशा खार खाए रखने वाले पाकिस्तान ने इस सम्मेलन में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है लेकिन उसके रिस्पांस को राजनयिक हलके में खास महत्व नहीं दिया जा रहा है।
पाकिस्तान पर ऐसे नकेल कसेगा भारत
माना जा रहा है कि इस सम्मेलन (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) के जरिए भारत दुनिया के तमाम देशों को अफगानिस्तान (Afghanistan) के मुद्दे पर एकजुट कर सकता है. वह इस सम्मेलन के जरिए तालिबान (Taliban) पर एक बार फिर इस बात का दबाव डाल सकता है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी ओर देश के खिलाफ हमले के लिए न होने दे. इसके साथ ही वह पड़ोसी देश पाकिस्तान को भी एक्सपोज कर सकता है, जिसने हथियार, पैसे और ट्रेनिंग देकर तालिबान को खड़ा किया है. इस सम्मेलन से भारत को न केवल अफगानिस्तान में रणनीतिक गहराई पाने का अवसर मिलेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर उसकी साख भी मजबूत होगी।
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