नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद के केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) को मिला राष्ट्रीय पार्टी (National Party) का दर्जा विपक्ष में उसकी प्रमुख भूमिका को तय करेगा। दिल्ली, पंजाब में जीत (win in punjab) और गोवा-गुजरात में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद आप अलग-अलग प्रदेशों में विस्तार में जुटी है।
केंद्र सरकार पर आप नेता इस समय हमलावर हैं। पार्टी नेता मानते है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने से उन्हें चुनाव में फायदा मिलेगा। पार्टी गठन के 11 साल में ही दिल्ली में तीन बार व पंजाब में बहुमत वाली सरकार बनाने के बाद भी पार्टी मुख्य विपक्षी दलों के बीच जगह बनाने में जुटी थी। यही वजह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर सीधे हमलावर हैं ताकि आम चुनाव से पहले कमजोर कांग्रेस के चलते खाली पड़े विपक्ष की जगह को भरा जा सके।
पंजाब व गुजरात (Punjab and Gujarat) में सफलता के बाद लगातार पार्टी विस्तार में जुटी है। राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल खुद राज्यों में जाकर सभाएं कर रहे हैं। आप ने पहली बार संगठन विस्तार के लिए राष्ट्रीय संगठन मंत्री के रूप में सांसद संदीप पाठक को जिम्मेदारी दी है। पार्टी अगले एक साल में अलग-अलग राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गई है। यूपी के निकाय चुनाव लड़ने की भी घोषणा की गई है।
11 वर्ष में पूरा किया क्षेत्रीय से राष्ट्रीय दल का सफर
आम आदमी पार्टी का गठन 26 नवंबर 2012 को अन्ना आंदोलन के बाद हुआ। पार्टी पहली बार वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरी और कांग्रेस के समर्थन से 49 दिन की सरकार बनाई। पार्टी को पहली बार फरवरी 2013 में राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिला। पार्टी ने दूसरा चुनाव 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव का लड़ा। इस बार आप ने 70 में से 67 सीट जीतीं। 2020 में फिर दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाई।
इस बीच 2017 में पंजाब में चुनाव लड़ी, लेकिन पार्टी सत्ता से दूर रही लेकिन मुख्य विपक्षी दल बनी। 2022 में पंजाब में 92 विधायकों के साथ बहुमत के साथ सरकार बनाई। फिर गोवा में चुनाव लड़कर दो विधायक जीते। गुजरात चुनाव में आप के पांच विधायक जीते।
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