चंडीगढ़ । पंजाब (Punjab) के दो बार के मुख्यमंत्री (Two-time Chief Minister) और कांग्रेस के बागी (Congress rebel) कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder) को अपने राजनीतिक करियर के अंतिम पड़ाव में (At the end of his Political Career) एक बड़ी शर्मिदगी (Big Embarrassment) का सामना करना पड़ा (Faced) । गुरुवार को अपने गढ़ पटियाला (शहर) (Patiala City) से वे हार गए (Lost) । इस सीट पर उन्होंने 2002 से लगातार चार बार जीत हासिल की है।
उन्हें एक राष्ट्रवादी और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के व्यापक रूप से सम्मानित नेता के रूप में देखा जाता है। पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) भाजपा और अकाली दल के बागी शिअद (संयुक्त) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ दी थी और उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी। मतगणना से एक दिन पहले, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पंजाब के लोगों द्वारा अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल-संयुक्त सहित गठबंधन सहयोगियों के पक्ष में सकारात्मक फैसले की उम्मीद है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने बयान में कहा था, “मतगणना लोकतंत्र के चुनावी उत्सव की समाप्ति का प्रतीक है और हमें बेहतरीन नतीजों का भरोसा है।”
चुनाव से पहले एक जनसभा में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की विशेष प्रशंसा करते हुए कहा कि वह हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर पक्षपातपूर्ण विचारों से ऊपर उठकर सोचते हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में जब वह गृह मंत्री बने तो पंजाब सीमा पर सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित थे। उन्होंने पटियाला कस्बे में अपनी रैली को याद करते हुए कहा, ‘लेकिन एक बार जब मैंने कैप्टन अमरिंदर से बात की, तो मुझे सुकून मिला।’
कांग्रेस शासित राज्य में, अरविंद केजरीवाल की आप भारी जीत की ओर बढ़ रही है, जिसमें कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा बहुत पीछे हैं।
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