कायरो। पुरातत्वविदों (Archaeologists) ने ऐलान किया है कि उन्हें मिस्र(Egypt) का सबसे विशाल प्राचीन शहर(The largest ancient city) रेत के नीचे दबा (Buried under the sand) मिला है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तूतनखामेन के मकबरे के बाद सबसे बड़ी खोज है। मशहूर मिस्र विशेषज्ञ जाही हवास (Famous Egyptologist Jahi Havas) ने ऐलान किया है कि ‘खोए हुए सुनहरे शहर’ की खोज लग्जर के करीब की गई है। यहां राजाओं की घाटी स्थित है। टीम ने एक बयान जारी कर बताया कि डॉ. जाही के तत्वाधान में मिस्र के मिशन में एक शहर मिला है जो रेत के नीचे खो गया था। बयान में कहा गया है, ‘शहर 3000 हजार साल पुराना है, एमेनोटेप III के शासनकाल का और तूतनखामेन के दौरान भी चलता रहा।’
इस शहर को मिस्र में खोजा गया सबसे विशाल प्राचीन शहर बताया जा रहा है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की मिस्र की कला और पुरातत्वविद प्रफेसर बेट्सी ब्रायन ने बताया कि तूतनखामेन के मकबरे की खोज के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी पुरातत्व खोज है। खोज में अंगूठियों जैसे जेवर, रंगीन बर्तन, ताबीज और एमेनटॉप III की मोहर लगीं मिट्टी की ईंटें मिली हैं। इससे पहले कई बार इस शहर की खोज की गई थी लेकिन इसे कोई खोज नहीं सका। उम्मीद जताई गई है कि आगे की खोज में कई खजाने मिल सकते हैं। इस टीम ने पिछले साल सितंबर में खोज शुरू की थी। लग्जर के पास रामसेस III और एमेनटॉप III के मंदिरों के बीच में काहिरा से 500 किमी दूर खोज की गई। कुछ ही हफ्तों में उन्हें सभी जगहों पर मिट्टी की ईंटों से बनीं आकृतियां मिलने लगीं। खुदाई में एक विशाल शहर निकला जो काफी अच्छी हालत में संरक्षित था। करीब-करीब पूरी बनी दीवारें और रोजमर्रा के सामान से भरे कमरे तक पाए गए। टीम के बयान में कहा गया है कि ये इलाका हजारों साल बाद ऐसे मिला है जैसे कल ही का हो। सात महीने बाद कई इलाकों को खोज लिया गया था। इसमें अवन के साथ बेकरी और बर्तनों का स्टोर भी मिला। यहां तक कि प्रशासनिक और रिहायशी डिस्ट्रिक्ट भी मिलीं। एमेनटॉप III ने विरासत में ऐसा साम्राज्य पाया था जो यूफरेट्स से सूडान तक फैला था। उसकी मौत 1354 ईसा पूर्व में हुई। उसने चार दशकों तक राज किया। इस काल को समृद्धि और भव्य इमारतों के लिए जाना जाता है। इनमें लग्जर के पास लगीं उसकी और उसकी रानी की विशाल प्रतिमाएं शामिल हैं। ब्रयान ने बताया कि इस खोज से प्राचीन मिस्र के सबसे अमीर काल को जाना जा सकेगा।