डेस्क: रांची में हुई भारी हिंसा की साजिश को लेकर पुलिस गहराई से जांच कर रही है. पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आ रहा है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद की हिंसा और उपद्रव सुनियोजित थी.
रांची हिंसा पर बड़ा खुलासा
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की जांच में सामने आया है लोगों को एक साथ इकट्ठा करने के लिए एक WhatsApp ग्रुप बनाया गया था. WhatsApp ग्रुप के जरिए हिंसा की प्लानिंग हुई. इसी ग्रुप के जरिए लोगों को बुलाने की बात तय हुई थी. WhatsApp ग्रुप का नाम वासेपुर गैंग के नाम से रखा गया था.
ग्रुप एडमिन की तलाश जारी
पुलिस अब इस ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है. घटना के एक सप्ताह पहले से इस उपद्रव की साजिश चल रही थी. रांची की पत्थरबाजी में रोहिंग्या मुसलमानों के शामिल रहने की भी आशंका है. साजिश में सोशल मीडिया के जरिये लोगों को एकत्रित करने का संदेश फैलाया और पैगंबर का वास्ता देकर मस्जिद के बाहर जुटने की अपील की थी. इसके बाद मानों पूरा शहर हिंसा की आग में जल उठा था. इस दौरान बिहार सरकार के मंत्री की गाड़ी पर हमला किया गया. जिसके बाद जैसे तैसे उनकी जान बच पाई थी.
क्या था मामला?
दरअसल बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान को लेकर देश के कई शहरों में प्रदर्शन हुआ था. सभी प्रदर्शनकारी नूपुर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. इसी सिलसिले में झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नूपुर को सजा देने की मांग पर हिंसा भड़काई गई थी.
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