मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज (मंगलवार को) मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने नवाब मलिक और दाऊद इब्राहिम के बीच कनेक्शन का खुलासा किया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा खुलासा कर रहा हूं. सलीम पटेल दाऊद इब्राहिम का सहयोगी है. अंडरवर्ल्ड से जमीन खरीदी गई.
उन्होंने कहा कि नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड के लोगों से संबंध हैं. दाउद इब्राहिम 1993 बम धमाके का दोषी है. सरदार शाह वली खान और हसीना पारकर के करीबी सलीम पटेल के साथ नवाब मलिक के व्यवसायिक संबंध हैं. इन दोनों ने नवाब मलिक के रिश्तेदार की एक कंपनी को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के दाम में बेची. नवाब मलिक भी इस कंपनी से कुछ समय के लिए जुड़े हुए थे. कुर्ला के एलबीएस रोड पर 3 एकड़ जमीन सिर्फ 20-30 लाख में बेची गई जबकि मार्केट प्राइस 3.50 करोड़ से ज्यादा था.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई के गुनहगारों से जमीन क्यों खरीदी? ऐसी कुल मिलाकर 5 प्रॉपर्टीज हैं जिनमें से 4 में तो 100 फीसदी अंडरवर्ल्ड का रोल था. ये सारे सबूत एनसीपी के शरद पवार को भी दिए जाएंगे. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरदार शाहवली को 1993 ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास हुआ. वो अभी जेल में है. बॉम्बे बम धमाके की इसे जानकारी थी. गाड़ियों के अंदर विस्फोटक भरने वाले लोगों में ये शामिल था.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सलीम पटेल और आरआर पाटिल जब इफ्तार पार्टी में गए तो एक गुनहगार के साथ उनकी फोटो चली थी. तब यही वो सलीम पटेल था. ये दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का बॉडीगार्ड, ड्राइवर और दोस्त था. हसीना पारकर के साथ ये भी गिरफ्तार हुआ था. दाऊद इब्राहिम के बाद हसीना पारकर जो प्रॉपर्टी खरीदती थी, वो इसी के नाम से पावर ऑफ अटॉर्नी होती थी.
उन्होंने आगे कहा कि कुर्ला में 2.87 एकड़ जमीन, गोवा वाला कंपाउंड जिसे कहा जाता है, जो LBS रोड पर है. इसी जगह नवाब मलिक भी रहता है. इस जमीन की एक रजिस्ट्री सोलिडस नाम की कंपनी के नाम से हुई है. ये सौदा मरियम की तरफ से हुआ. पॉवर ऑफ अटॉर्नी सलीम पटेल है. दूसरी तरफ से सरदार शाह वली था. ये बिक्री सोलिडस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को की है, जिस पर फराज मलिक के साइन हुए थे. 2019 में नवाब मलिक भी इस कंपनी में थे बाद में उन्होंने छोड़ दिया.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जब जमीन खरीदी गई तब रेट 2053 प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से तय हुआ. मार्केट रेट पर ये कुल 30 लाख में खरीदी गई जिसमें से पेमेंट 20 लाख की हुई है. इसमें से 15 लाख रुपये सलीम पटेल को मिले. सरदार शाह वली उर्फ सरदार खान को 5 लाख रुपये दिए गए. कुल 20 लाख रुपये में ये सौदा हुआ.
उन्होंने आगे कहा कि 3 एकड़ की जमीन इतने सस्ते में क्यों खरीदी गई? 25 रुपये प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से सौदा पक्का हुआ जबकि पैसे 15 रुपये प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से दिए गए. क्या नवाब मलिक सलीम पटेल को नहीं जानते थे? नवाब मलिक ने मुंबई के गुनाहगारों से जमीन क्यों खरीदी? आरोपियों पर टाडा कानून लगा था. कानून के मुताबिक आरोपियों की सारी जमीन पर सरकार कब्जा कर लेती है. क्या टाडा कानून से जमीन को बचाने के लिए ये खरीद-फरोख्त की गई?
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