उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन में प्रतिदिन लाखों की संख्या में बाबा महाकाल के दर्शन करने श्रद्धालु आते हैं. लेकिन, हर साल एक ऐसा भक्त भी आता है जो बाकियों से अलग है. इस बार दोनों पैरों से दिव्यांग युवक ने नए साल पर बाबा के दरबार पहुंचा और माथा टेका.
रुपेश ने कहा, हर साल के पहले दिन ही बिहार से बाबा महाकाल के दर्शन करने पैदल ही यात्रा पर निकल जाता हूं. मन में आस्था हो तो कोई भी कार्य कठिन नहीं है. जय महाकाल के जयकारे के साथ आगे बढ़ता हूं. तो बाबा मेरा साथ देते हैं. आगे के रास्ते खुल जाते हैं.
बाबा महाकाल की नगरी में करीब मुझे आते-आते 35 दिन हो गए हैं. आज जाकर उज्जैन पहुंचा हूं. मेरी यात्रा सफल हुई. बाबा के आशीर्वाद से दर्शन हुए, जिससे मैं धन्य हो गया. मुझे हमेशा से ही नए साल का इंतज़ार रहता है कि कब नया साल आए और मुझे बाबा के दर्शन का सौभाग्य मिले.
रुपेश कुमार ने बताया कि बचपन से ही मैं चल नहीं पता हूं. इस बात का मुझे कोई अफ़सोस नहीं है. मेरे साथ मेरे महाकाल हैं तो बिना पैरों के ही रास्ता मिल जाता है. जिस भी रास्ते निकलूं, रास्ते में बहुत से लोग मेरी मदद भी करते हैं. ये बाबा महाकाल का आशीर्वाद नहीं तो क्या है. इसलिए कई वर्षों से बाबा के दर्शन करने आता हूं.
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