नई दिल्ली: फर्जी लोन ऐप्स और सट्टेबाजी वाले ऐप्स (Fake loan apps and betting apps) पर सरकार ने बड़ा फैसला किया (government took a big decision) है. इन ऐप्स को बैन किया जा रहा है. मंगलवार को मिनिस्ट्री ने अवैध लोन ऐप्स और सट्टेबाजी वाले ऐप्स को रिमूव करने का निर्देश (Instructions to remove apps) जारी किया है. केंद्रीय IT मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि हम फर्जी लोन ऐप्स के विज्ञापनों को रोकने पर काम कर रहे हैं. कई प्लेटफॉर्म्स पर इस तरह के फर्जी लोन्स ऐप्स के ऐड आते हैं. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी ने RBI से बैंकों के लिए KYC प्रक्रिया को अधिक व्यापक बनाने का आग्रह किया है. इस प्रपोज्ड KYC प्रॉसेस को ‘नो योर डिजिटल फाइनेंस ऐप’ (KYDFA) नाम दिया गया है. पिछले कुछ वक्त में फर्जी लोन ऐप्स का जाल काफी फैला है.
इस तरह के ऐप्स का शिकार हुए लोग ना सिर्फ कर्ज के दलदल में फंस जाते हैं बल्कि कई मामलों में पीड़ितों ने आत्महत्या तक की है. काफी समय से ये मामला चर्चा में हुआ है और अब तक सरकार ने इस तरह के तमाम ऐप्स को बैन भी किया है. हालांकि, ये ऐप्स किसी ना किसी रूप में नए नाम के साथ वापस आ जाते हैं. इस तरह के ऐप्स में सबसे पहले ग्राहकों को वन क्लिक और बिना डॉक्यूमेंट के लोन ऑफर किया जाता है. बहुत से लोग इस तरह के लोन के जाल में फंस जाते हैं, लेकिन ये लोन ऐप्स एक स्पाईवेयर की तरह भी काम करते हैं.
इन ऐप्स को डाउनलोड करते ही यूजर्स की तमाम फोटोज और कॉन्टैक्ट डिटेल्स का एक्सेस लोन प्रोवाइडर को मिल जाता है. फिर लोन रिकवरी के नाम पर इनका असली खेल शुरू होता है. ये फर्जी ऐप्स लगातार पीड़ितों पर जल्द से जल्द लोन भरने का दबाव बनाते हैं. कई बार उनकी फोटोज को मॉर्फ करके वायरल करने की धमकी दी जाती है. फर्जी लोन प्रोवाइडर्स पीड़ित के फोन से लिए गए तमाम कॉन्टैक्ट्स को संपर्क करके भी धमकी देते हैं. यूजर्स अपनी बदनामी के डर से लोन भरने के लिए नया लोन लेते हैं और इस तरह से वे लोन के जाल में फंसते चले जाते हैं. सरकार लगातार इन तरह के फर्जी लोन ऐप्स और अवैध सट्टेबाजी वाले ऐप्स पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है.
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