लखनऊ। यूपी में जनवरी 2024 से सड़कों पर गाय घूमती नही दिखेंगी। आज से योगी सरकार 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाकर खुली घूम रही गायों को ‘गो संरक्षण केंद्र’ पहुंचाएगी। योगी सरकार के पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि पहले कसाई को देखकर गाय कांपती थी लेकिन अब गाय देखकर कसाई कांप रहे हैं।
यूपी में अभी 6943 गो संरक्षण केंद्र हैं। जिनमें 12,11,247 गोवंश रखे गए हैं। इसके बावजूद सड़कों पर गाय दिखाई दे रही हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि अब दो महीने के अभियान के बाद लोगों को इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।
यूपी में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद अवैध बूचड़खानों के खिलाफ सख्ती की गई। नतीजा ये हुआ कि गाय सड़कों और खेतों में आ गई। योगी सरकार ने गो आश्रय स्थल बनाए, जिसमें खुली घूम रही गायों को वहां पहुंचाया भी गया लेकिन अभी समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। सख्ती के बावजूद गाय सड़कों पर घूम रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी करीब ढाई लाख गोवंश सड़कों पर हैं। हालांकि सरकार भी मानती है कि हकीकत में ये संख्या दुगनी से ज़्यादा है।
यूपी में शुरू हुआ अभियान
सड़क पर घूम रही गायों को पकड़ने के लिए आज से पूरे यूपी में अभियान शुरू हुआ है। लखनऊ में नगर निगम की करीब एक दर्जन टीम सड़कों पर हैं और गायों को पकड़कर गो संरक्षण केंद्र पहुंचाया जा रहा है। साल 2017 में यूपी में योगी सरकार बनने के बाद अब तक गाय संरक्षण में सरकार करीब 1900 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
यूपी में गोवध अधिनियम के तहत हुए अपराध
गौ तस्करी और गोकशी कैसे होती है?
गो वंश के साथ दो तरह के अपराध होते हैं। पहले तरह के अपराधी गोवंश को काट देते हैं और खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। दूसरे टाइप के अपराधी गोवंश के साथ क्रूरता करते हैं। गौ तस्करी के लिए कई एक्सपर्ट वाहन चालक होते हैं और वह कुछ रूटों पर ज्यादा तस्करी करते हैं। जो बार-बार ऐसा काम करते हैं, उनके खिलाफ गैंगस्टर में कार्रवाई होती है। कुछ हॉटस्पॉट हैं जहां बार-बार ऐसे मामले सामने आते हैं।
गोवंश का वध पूरी तरह प्रतिबंधित है। समय-समय पर पुलिस अभियान चलाती है। कुछ केस में धार्मिक माहौल खराब होता है। वहां पुलिस और गंभीर धारा में कार्रवाई करती है। इंडो बांग्लादेश बॉर्डर पर तस्करी होती है। कहीं कही हांक कर ले जाया जाता है। गोवंश ले जाने वाले लोग कुछ मीट फैक्ट्री को गलत तरह से सप्लाई करते हैं। अगर गायें कृषि योग्य नहीं हैं और दुधारू नहीं हैं तो कुछ लोग उन्हे बेच देते हैं। गाय की तस्करी से लोग मोटा पैसा कमाते हैं।
अब लोकसभा चुनाव के पहले योगी सरकार और ज्यादा गौशाला खोलने जा रही है, जिससे छुट्टा जानवर चुनाव में मुद्दा न बने। शहर-शहर अभियान चलाकर सड़कों पर घूम रही गायों को गो आश्रय स्थल पर पहुंचाया जा रहा है।
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