भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने जहरीली शराब बेचने वालों के खिलाफ सख्त फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने मंगलवार को अधिकतम 10 साल की सजा को बढ़ाकर आजीवन कारावास या फांसी देने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में संशोधित विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इसमें जहरीली शराब से मृत्यु होने की स्थिति में आरोपित को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकेगी वहीं जुर्माने की राशि को भी 25 लाख रुपये किया गया है। वहीं अवैध शराब की बिक्री को पकड़ने के लिए जाने वाले आबकारी की टीम या अन्य जांच दल पर हमला करने के मामले में अब तीन साल तक की सजा हो सकेगी।
अगर मिलावटी शराब पीने से किसी की मृत्यु हो जाए तो पहली बार आरोपित को 10 साल से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकेगी। दूसरी बार या फिर से जुर्म को दोहराने पर आरोपितों को मृत्युदंड की सजा हो सकती है। वहीं शराब में मिलावट करने पर जुर्माना राशि तीस हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये तक कर दी गई है। बता दें कि पहले मिलावट पर 300 रुपये से लेकर 2000 रुपये का मामूली जुर्माना था।
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