नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) से सात भाजपा विधायकों के निलंबन को रद्द कर दिया (Suspended suspension of seven BJP MLAs revoked) है। उन्होंने अपने निलंबन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इन विधायकों को 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Lieutenant Governor Vinay Saxena) के संबोधन के दौरान हुए उपद्रव को लेकर निलंबित कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने विधायकों की याचिका पर 27 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सात भाजपा विधायकों- मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओ.पी. शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेई, जीतेंद्र महाजन और विजेंदर गुप्ता ने विधानसभा के शेष बजट सत्र के लिए अपने निलंबन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों को चर्चा में भाग लेने से अक्षम करने के लिए दुर्भावनापूर्ण ढंग से योजना बनाई गई।
15 फरवरी को आप सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने वाले उपराज्यपाल के अभिभाषण को कथित रूप से बाधित करने के लिए सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था। विधायकों ने अपने निरंतर निलंबन के बारे में चिंता व्यक्त की और संभावित विवादास्पद माहौल का संकेत देने वाली हालिया राजनीतिक टिप्पणियों और संदेशों का विरोध किया। विधायकों के वरिष्ठ वकील जयंत मेहता ने 19 फरवरी को दलील दी थी कि निलंबन असंवैधानिक और नियमों के विपरीत है, जिससे कार्यवाही में भाग लेने का उनका अधिकार प्रभावित होता है।
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