नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट ने शुक्रवार को आटो-टैक्सी चालकों (Auto-taxi drivers) को पांच- पांच हजार रुपए की सहायता योजना को मंजूरी (Five-five thousand rupees aid scheme approved) दे दी। कोरोना(Corona) की दूसरी लहर (Second Wave)और दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के चलते आटो-टैक्सी चालकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार(Delhi Government) की तरफ से पैरा-ट्रांजिट वाहनों के सभी पीएसवी बैज और परमिट धारकों को पांच-पांच हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
पिछले साल भी 1.56 लाख से अधिक आटो-टैक्सी चालकों को वित्तीय सहायता के रूप में 78 करोड़ रुपए दिए गए थे। 2020 की योजना के लाभार्थियों को इस बार फिर से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। स्थानीय निकायों से सभी चालकों का सत्यापन कराया जाएगा और उसके बाद उनके आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते में 5000 रुपए सीधे स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। बीती चार मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि पीएसवी बैज और पैरा ट्रांजिट वाहनों के परमिट धारकों को पांच-पांच हजार रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना से ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी, फाटफाट सेवा, ईको फ्रैंडली सेवा, ग्रामीण सेवा और मैक्सी कैब चालक आदि लाभांवित किए जाएंगे। 2020 की योजना के लाभार्थियों को इस बार फिर से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। स्थानीय निकायों से सभी चालकों का सत्यापन कराया जाएगा और उसके बाद उनके आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते में 5000 रुपए सीधे स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। दिल्ली में इस समय 2.80 लाख से अधिक पीएसवी बैज धारक और 1.90 लाख परमिट धारक हैं, जो इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने इसके लिए पहले से ही आवश्यक बजटीय प्रावधान किए हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के आदेश के अनुसार सभी सार्वजनिक सेवा वाहनों के पीएसवी बैज, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि दस्तावेजों की वैधता को समय-समय पर मार्च 2020 तक बढ़ाया गया था। हाल ही में इसे 30 जून 2021 तक बढ़ाया दिया गया है और एक फरवरी 2020 तक मान्य सभी लाइसेंस धारक और पीएसवी बैज धारक वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। हालांकि, पिछली योजना की तरह, यह लाभ केवल पैरा ट्रांजिट वाहनों के व्यक्तिगत मालिकों को दिया जाएगा। वाहन बेड़े के स्वामित्व वाली कंपनियों को लाभ नहीं दिया जाएगा।