प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की बहुचर्चित पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य (PCS Officer Jyoti Maurya) और पति आलोक मौर्य के बीच चल रहा विवाद (Controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है. तीन सदस्यीय जांच कमेटी के सामने सोमवार को आलोक पेश होंगे और अपना बयान दर्ज कराएंगे. आलोक ने एसडीएम पत्नी ज्योति मौर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) के कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आलोक आज जांच कमेटी को आरोपों के समर्थन में दस्तावेज या सबूत भी पेश (produce documents or evidence) करेंगे. इससे पहले आलोक मौर्य 9 अगस्त को जांच कमेटी के समक्ष पेश हुए थे.
उन्होंने जांच कमेटी को प्रार्थना पत्र देकर 20 दिनों मोहलत मांगी थी. इसके बाद जांंच कमेटी ने 28 अगस्त को फिर से पेश होने का आदेश दिया था. आलोक मौर्य ने पत्नी ज्योति मौर्य पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं. आलोक के बयान और साक्ष्यों के परीक्षण के बाद ही ज्योति मौर्य के बयान दर्ज होंगे. हांलाकि ज्योति मौर्य भी जांच कमेटी के अफसरों से मुलाकात कर चुकी हैं.
जांच कमेटी ने ज्योति मौर्य को भी नोटिस जारी करके संपत्ति का ब्यौरा मांगा है. प्रॉपर्टी, गाड़ी और खातों की जानकारी मांगी है. पति आलोक मौर्य के द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद गठित जांच कमेटी गठित की गई है. जांंच टीम ने प्रयागराज समेत अन्य स्थानों पर संपत्तियों का नोटिस जारी कर ब्योरा मांगा है. ज्योति मौर्या के नाम प्रयागराज के झलवा में एक मकान भी है. इस मकान के बारे में जानकारी पति आलोक मौर्य ने दी है.
जांंच टीम ने ज्योति मौर्य से भी जांच में सहयोग करने को कहा है. पति द्वारा आरोप लगने के बाद शासन के निर्देश पर ज्योति मौर्य के खिलाफ जांच कमेटी गठित की गई है. पीसीएस अफसर बनने के बाद करोड़ों की संपत्ति बनाने का ज्योति मौर्य पर आरोप है. आलोक मौर्य ने पत्नी ज्योति मौर्य पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से अवैध संबंध का भी लगाया है आरोप.
ज्योति मौर्य ने कराया था दहेज उत्पीड़न का मामला
मालूम हो कि ज्योति मौर्य ने धूमनगंज थाने में दहेज उत्पीड़न का मामला मुकदमा दर्ज कराया है. आलोक मौर्य ने पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की शिकायत में 32 पन्ने की एक डायरी सौंपी है. डायरी में लाखों के लेनदेन का ब्योरा दर्ज है. जांच कमेटी के सदस्य ने लखनऊ के कुछ कार्यालयों से भी दस्तावेज जुटाए हैं. जांच में दोषी पाए जाने पर ज्योति मौर्य की बर्खास्तगी भी हो सकती है. हालांकि जांच कमेटी की संस्तुति के बाद शासन ही बर्खास्तगी कर सकता है.
शासन के निर्देश पर मंडलायुक्त प्रयागराज विजय विश्वास पंत ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. प्रयागराज मंडल के एडिशनल कमिश्नर प्रशासन अमृतलाल बिंद को जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रयागराज के एडीएम प्रशासन हर्ष देव पांडेय और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट जयजीत कौर इस कमेटी की सदस्य हैं.
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