मुंबई (Mumbai) । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) के भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) अपना सियासी रुख स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के साथ जाने की बात से इनकार कर दिया है। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट (शिवसेना) विधायक ने संकेत दिए हैं कि अगर राकंपा का एक धड़ा भाजपा के साथ शामिल हो जाता, तो शिंदे सरकार से अलग हो जाते।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संजय शिरसाट ने कहा, ‘अगर अजित पवार शिवसेना और भाजपा की विचारधारा स्वीकार कर लेते, तो हम उनका स्वागत करते। लेकिन अगर वह एनसीपी या एक धड़े के साथ भाजपा में शामिल होते, तो यह गलत होता और हम सरकार छोड़ देते।’ उन्होंने बताया कि अजित की नाराजगी का शिवसेना मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘एनसीपी में अभी बेचैनी है, जैसे पहले शिवसेना में थी। अजित पवार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को नहीं मानते और वह एनसीपी में नहीं रहना चाहते। मुझे लगता है कि अजित पवार को काम करने की आजादी नहीं दी गई।’ इधर, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार का कहना है कि शरद पवार से पूछने के बाद अजित पवार फैसला लेंगे।
शिरसाट ने बताया, ‘सोमवार से ही सियासी चर्चाएं शुरू हो गई थीं. अजित पवार चर्चा का विषय थे। उनका फोन रीचेबल नहीं होना नई बात नहीं है। अजित पवार की नाराजगी की जड़ पार्थ पवार (बेटे) की हार है।’ साल 2019 में पार्थ को मवाल क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था।
राकंपा में रहने का ऐलान
पवार ने मंगलवार को कहा कि वह जब तक जीवित हैं, अपनी पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। इसके साथ ही पवार ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह और उनके करीबी विधायक सत्तारूढ़ भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर अफवाहें पिछले हफ्ते तब शुरू हुई थीं जब उन्होंने अचानक अपनी पूर्व-निर्धारित बैठकें रद्द कर दीं और ऐसी टिप्पणियां कीं जिन्हें भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के प्रति उनके रुख में नरमी माना गया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved