नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने गुरुवार को कहा कि 2019 में तीन तलाक (Tripel Talaq) को दंडनीय अपराध बनाए जाने के बाद से मुसलमानों (Musli) में इसकी दर में 96 फीसदी की कमी आई है और इससे महिलाओं व बच्चों को फायदा हुआ है। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर यहां एक सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह अजीब नहीं है कि जब कोई न्याय मांगता है तो पहले धर्म का जिक्र करना पड़ता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) द्वारा यूसीसी (UCC) पर अपनी आपत्तियां विधि आयोग को भेजे जाने पर खान ने कहा कि हर किसी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘विधि आयोग ने सुझाव मांगे हैं… और मुझे पूरी उम्मीद है कि जो भी सुझाव आएंगे, उन पर विधि आयोग और सरकार पूरा ध्यान देगी।’
यूसीसी विवाह, तलाक और विरासत पर कानूनों के एक सामान्य सेट को संदर्भित करता है जो धर्म, जनजाति या अन्य स्थानीय रीति-रिवाजों के बावजूद सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होगा। विधि आयोग ने 14 जून को यूसीसी पर नए सिरे से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की थी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से राय मांगी थी।
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