नई दिल्ली: दिल्ली सेवा बिल के राज्यसभा से पास होने के एक दिन बाद ही अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल में आतिशी मार्लेना को अब सर्विस और विजिलेंस विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी है. अभी तक यह जिम्मेदारी सौरभ भारद्वाज के पास थी. बता दें कि इस बदलाव के साथ ही आतिशी के पास कई विभाग हो गए. आतिशी पहले से ही वित्त, रेवेन्यू एजुकेशन विभाग संभाल रही थी. उनके पास अब 14 डिपार्टमेंट हो गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली सेवा बिल के पास होने के महज 24 घंटे के बाद यह बदलाव देखा गया.
दिल्ली सेवा बिल को लोकसभा में पहले ही पास हो गया था. इसके बाद जबरदस्त हंगामे के बाद इसे सोमवार को राज्यसभा में भी पारित कर दिया है. राज्यसभा में वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े. इस बिल के पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इसे भारत के इतिहास का काला दिन बताया था. केजरीवाल ने कहा था कि 75 साल बाद मोदी जी ने आजादी छीन ली. दिल्ली के लोगों के वोट की कोई कीमत नहीं बची.
इस बिल से क्यों खफा हैं केजरीवाल?
दिल्ली सेवा बिल दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ा देगा. ये एलजी को दिल्ली सरकार के अधीन सेवारत सभी नौकरशाहों की पोस्टिंग और ट्रांसफर से संबंधित मामलों में अंतिम प्राधिकारी बनाता है. दिल्ली प्रशासन में वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्तियों और तबादलों पर निर्णय लेने की शक्ति उपराज्यपाल के पास होगी. उपराज्यपाल को दिल्ली विधानसभा द्वारा अधिनियमित बोर्डों या आयोगों के प्रमुखों को नियुक्त करने की शक्ति भी होगी.
शाह ने बताया क्यों लाना पड़ा ये बिल?
राज्यसभा में इस बिल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर यह बिल जल्द न आता, तो आम आदमी पार्टी की सरकार अपने सभी घोटालों की फाइल गायब कर, फाइल गायब करने का एक और घोटाला कर देती. कांग्रेस पार्टी का विरोध करके ही AAP सत्ता में आई है और अब उसी के समर्थन से अनाधिकृत अधिकार पाना चाहती है. शाह ने कहा कि आप सरकार नियमों का पालन नहीं करना चाहती, इसलिए यह बिल लाना पड़ा. दिल्ली सेवा बिल पास होते ही केजरीवाल जी पलट जाएंगे और गठबंधन टूट जाएगा.
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