नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के एक बिजनेसमैन (Businessman) ने अंजू (Anju) से फातिमा (Fatima) बनी भारतीय महिला को प्लॉट (भूखंड) भेंट किया है. साथ ही मदद के तौर पर एक चेक भी सौंपा है. हालांकि, चेक में कितने पाकिस्तानी रुपए अंकित हैं, इसका जिक्र नहीं है. राजधानी इस्लामाबाद (islamabad) से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa Province) में नसरुल्ला के घर तोहफा लेकर पहुंचे बिजनेसमैन ने अंजू उर्फ फातिमा को अपनी कंपनी में भी नौकरी देने का वादा किया है.
पाक स्टार ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ मोहसिन खान अब्बासी ने कहा कि दूसरे मुल्क से आई महिला ने इस्लाम को अपनाया है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उसको किसी भी तरह की दिक्कत न हो. पाकिस्तान में कोई कमी महसूस न हो. बिजनेमैन अब्बासी ने बताया कि उनकी पाक सिटी कंपनी रियल एस्टेट के क्षेत्र में काम करती है. हमारे बोर्ड मेंबर्स ने तय किया कि अंजू उर्फ फातिमा को शहर में 10 मरला (272.251 वर्ग फीट) साइज का प्लॉट घर के लिए दिया जाए. इसके साथ ही पाकिस्तान में भारतीय महिला के दस्तावेजों की कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही उसे पाक स्टार ग्रुप नौकरी भी देगा और साथ ही घर बैठे सैलरी देगा.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ऊपरी दीर जिले पहुंचे बिजनेसमैन अब्बासी ने इस्लाम के अंदर दाखिल होने पर ईसाई महिला अंजू का तहेदिल से इस्तकबाल किया. उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से भी अंजू और नसरुल्ला की फैमिली को सपोर्ट करने की गुहार लगाई. यही नहीं, बिजनेसमैन अब्बासी ने पाकिस्तान के दूसरे अमीर लोगों से भी अंजू को तोहफे देने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भी बहुत पैसे वाले लोग हैं. उनको भी मदद के लिए आगे आना चाहिए.
मोहसिन खान अब्बासी ने आगे कहा कि भारत से अपना घर-बार छोड़कर पाकिस्तान आई और मुस्लिम बनी अंजू उर्फ फातिमा को अच्छा महसूस कराने की कोशिश की जाए ताकि अंजू को देखकर दूसरे लोग इस्लाम अपनाएं. उन्होंने पाकिस्तान के जिम्मेदार लोगों से गुजारिश करते हुए उसे कभी यह महसूस न हो कि किस मुल्क में आ गई, या फिर कभी ऐसा न लगे कि कैसे मजहब में आ गई, जहां कोई अपना नहीं है.
पाकिस्तान में मिल रहे तोहफों और खातिरदारी से लगता है कि अब अंजू अब शायद ही भारत लौटे. राजस्थान से पाकिस्तान गई अंजू ने कहा था कि उसे इंडिया आने लायक नहीं छोड़ा गया है. अब उसे भारत में कोई स्वीकार नहीं करेगा तो कहां जाऊंगी. अंजू ने दावा किया कि वह पाकिस्तान में सुरक्षित है. किसी का कोई दबाव नहीं है और पूरी आजादी से रह रही है.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मी और उत्तर प्रदेश के कैलोर गांव में पली-बढ़ी अंजू राजस्थान के भिवाड़ी (अलवर) में रहती थी. बीते 21 जुलाई को राजस्थान के भिवाड़ी की रहने वाली अंजू अपने पति अरविंद और दो बच्चों को छोड़कर चली गई थी. अंजू ने पति से कहा था कि वह जयपुर अपनी सहेली से मिलने जा रही है. वहीं, अंजू जिस कंपनी में काम करती थी, वहां उसने बताया था कि वह बहन के पास गोवा जा रही है.
इसके बाद भिवाड़ी से अंजू दिल्ली पहुंची, दिल्ली से अमृतसर और फिर वाघा-अटारी बॉर्डर होते हुए पाकिस्तान पहुंच गई. इस दौरान अंजू अपने पति अरविंद से वॉट्सएप पर बात करती रही. जब वह पाकिस्तान पहुंची तो उसने पति को बताया, मैं लाहौर में हूं. कुछ दिन में आ जाऊंगी. जब अंजू पाकिस्तान पहुंची तो उसे वहां खैबर पख्तूनख्वा के रहने वाले 29 साल के नसरुल्ला ने आकर रिसीव किया. नसरुल्ला और अंजू की दोस्ती 2019 में फेसबुक के माध्यम से हुई थी.
उधर, पाकिस्तान में इस्लाम अपनाने के बाद अंजू का इस्लामिक नाम फातिमा रखा गया. अंजू और नसरुल्ला की शादी जिला कोर्ट में हुई, जिसका निकाहनामा भी सामने आ चुका है. मालकुंड डिवीजन के डीआईजी नासिर महमूद दस्ती ने अंजू और नसरुल्ला की शादी की पुष्टि की थी. दोनों की शादी जिला और सत्र न्यायाधीश डीआइजी मालकुंद की कोर्ट में कराई गई, जिसके बाद अंजू को पुलिस सुरक्षा में नसरुल्ला के घर पहुंचाया गया था. बता दें कि नसरुल्ला शेरिंगल स्थित यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएट है और पांच भाइयों में सबसे छोटा है. उसके पिता की मौत हो चुकी है. नसरुल्ला ने अंजू को पाकिस्तान की कई जगहों पर घुमाया-फिराया, जिसके वीडियो भी सामने आ चुके हैं.
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